विकास के पथ पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी।

 विकास के पथ पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी।

राजेश कुमार, टाइम्स खबर timeskhabar.com

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इन दिनों में सुर्खियों में हैं। उनकी छवि राष्ट्रव्यापी है। वे सकारात्मक व्यक्तित्व के धनी हैं।  वे सदैव विकास की बात करते हैं। ब्राह्म्ण परिवार में जन्में नितिन गडकरी जातिवाद और यहां तक की बीजेपी में होते हुए भी धार्मिक कट्टरता से दूर हैं। उन्हें विकास पुरूष कहा जाने लगा है। 

उनकी सोच देश को एक नई दिशा देने लगी है। दूरदृष्टि है उनके पास। समाज, देश और विकास को एक साथ लेकर चलने की क्षमता है। वे सिर्फ 52 साल की उम्र में 2010 में बीजेपी अध्यक्ष बने। साल 2010 से 2013 तक बीजेपी अध्यक्ष रहे।  तब ऐसे सवाल उठाये जा रहे थे कि क्या वे राष्ट्रीय लीडर के योग्य हैं? काफी कुछ लिखा जा रहा था। लेकिन आज तथ्य एकदम विपरित है। उनकी अपनी एक अलग पहचान है। जिस सकारात्मक व विकास कार्य का वादा उन्होंने कर दिया, वे कर दिखाते हैं, वो भी समय सीमा के अंदर।   

बतौर केंद्रीय परिवहन मंत्री उन्होंने सड़क निर्माण में इतिहास रच दिया है। पारंपरिक तरीके से अलग सड़कों का विश्व स्तरीय निर्माण करा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ देश के बड़े शहरों में हीं निर्माण हो रहा है बल्कि दो बड़े शहरों को जोड़ रहे हैं। और इन सैकड़ो किलोमीटर के सफर में कई छोटे शहर और गांव भी आते हैं, जहां विश्व स्तरीय सड़कों का निर्माण है। ये सिर्फ सड़क हीं नहीं है बल्कि विकास- मार्ग है। ऐसे ढांचें बनाये गये हैं के सड़क किनारे रहने वाले गांवों को भी लाभ होगा। एक तरह से उन्होंने हिमालय से लेकर समुद्रीय तट तक आधुनिक सड़कें व टनेल का जाल बिछा दिया है। उनके कार्यों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदैव सराहा है। तारीफ की है। विपक्ष भी उनके कार्यों का कायल है। 

19 साल (जन्म 27 मई 1957) की उम्र से हीं वे राजनीति में सक्रिय हो गये। वह दौर था इमरजेंसी का। जैसे-जैसे वे आगे बढते गये उनके विचार परिपक्कव होते गये और उनके विचार के मूल में हमेशा  राज्य व देश का विकास रहा है। नागपुर से दिल्ली तक के सफर में विकास उनके कार्यशैली का हिस्सा रहा है। इसकी झलक मिलती है उनकी पुस्तक विकास-के-पथ से। इस पुस्तक में  उनके भाषण, विचार और कार्य का संग्रह है।  इस पुस्तक का प्रकाशन केंद्र में मंत्री बनने से पहले का है।

उन्होंने अपनी पुस्तक विकास-के-पथ की शुरूआत ही की है डॉ शिवमंगल सिंह 'सुमन' की कविता के चार पंक्तियों से, जो निम्नलिखित है - 

कभी हार में, कभी जीत मैं

किंचित् नहीं भयभीत मैं,

कर्तव्य पथ पर जो भी मिले

यह भी सही, वह भी सही।

इन पंक्तियों से हीं उनके विचार और स्पष्ट निर्णय लेने की झलक मिल जाती है। 

 

राजनीतिक सफर - 

- आपातकाल (1975) के दौरान हीं 19 साल की उम्र में राजनीतिक संघर्ष की शुरूआत। 

- 22 साल की उम्र में विदर्भ प्रदेश विद्यार्थी परिषद के सचिव नियुक्त।

- 1981 में नागपुर भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने।

- 1985 में नागपुर बीजेपी के मंत्री एवं 1988 में महामंत्री बने।

- 1989 में महाराष्ट्र विधान परिषद के लिये निर्वाचित। लगातार चार बार विधान परिषद के लिये चुने गये।

- 1995 में महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की सरकार में लोक निर्माण मंत्री बने।  मंत्री बनने से पहले हीं वे महाराष्ट्र बीजेपी के महामंत्री बन चुके थे

- 1999 में महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता।

- 2004 में महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष बने।

- 2009 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष।  

- 2014 में केंद्र में मंत्री.....। 

बहरहाल, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी उन हस्तियों में से एक हैं जो सफल उद्यमी होने के साथ साथ सफल राजनीतिज्ञ भी है। वे दूर दृष्टि वाले राजनीतिज्ञ हैं। उन्हें पता है कि आने वाले कुछ सालों में पेट्रोल-डिजल की भारी कमी होगी। ऐसे में वाहनों के लिये वे अभी से वैकल्पिक ऊर्जा की तलाश में जुट गये। इसलिये उन्होंने इलेक्ट्रिक व हाइड्रोजन गैस से चलने वाले वाहनों पर बल दिया है। इसके लिये मार्ग बनाये जाने पर भी कार्य जारी है।