रूस निर्मित दुनिया का सबसे ताकतवर मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत पहुंचा।

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रूस निर्मित दुनिया का सबसे ताकतवर मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत पहुंचा।

राजेश चंद्रवंशी, टाइम्स खबर timeskhabar.com

दुनिया के सबसे ताकतवर मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 की पहली खेप भारत पहुंच गई है। इस सिस्टम के कुल पांच यूनिट लगने हैं। इससे भारत अपनी पश्चिमी, उत्तरी और पूर्वी सीमाओं को सुरक्षित कर पाएगा। अर्थात भारत के दो कट्टर दुश्मन चीन और पाकिस्तान के हमलों से भारत अपने को सुरक्षित रख पायेगा। एस-400 के साथ भारत सामरिक दुनिया में काफी मजबूत स्थिति में आ जायेगा। भारत के पास अबतक जितने भी आधुनिक मिसाइल और फाइटर प्लैन हैं, सभी हमलावर हैं, यानी दुश्मनों के घर में घुस कर मारने की क्षमता है। लेकिन दुश्मनों की ओर से आ रहे मिसाइल को रोकने की क्षमता नहीं थी लेकिन एस-400 के आने से भारत अब काफी मजबूत स्थिति में आ जायेगा। इसके तैनाती के बाद से पाकिस्तान तो कहीं ठहरता हीं नहीं लेकिन चीन भी सावधान रहेगा। चीन के पास भी रूस निर्मित मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 है। इसी के दम पर वो सदैव भारत को चुनौती देता रहा है। लेकिन अब स्थितियां बदल रही है। भारत और रूस के समारिक नीति को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले समय में भारत रूस के और आधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-500 को खरीदने पर विचार कर सकता है।

एस-400 को लेकर इतनी चर्चाएं क्यों है? इसकी ताकत का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि अमेरिका जैसा विश्व सुपर पावर देश भी एस-400 की खरीदारी का विरोध कर रहा है। लगभग 40 हजार करोड रूपये की यह डील काफी अहम दोनों देशों के लिये। वैश्विक ताकत अमेरिका को यह लगने लगा है कि अब रूस जल्द हीं इस मिसाइल डिफेस सिस्टम को तकनीक का भी ट्रांसफर कर देगा। इसके बाद भारत इस दिशा में आगे बढ सकता है। आईये जानते हैं कि इसकी सामरिक क्षमता के बारे में : 

 

- ये सिस्टम 600 किलोमीटर दूर दुश्मन के मिसाइल, फाइटर प्लेन और ड्रोन को अपने टारगेंट रेंज में ले लेता है और 400 किलोमीटर के अंदर आने पर हवा में हीं मार गिराता है। 

- 30 किलोमीटर ऊंचाई पर भी अपने टारगेट को हीट करने की क्षमता रखता है। 

 -  कहा जाता है कि अमेरिका चाहता था कि भारत रूस की वजाय अमेरिका की एयर डिफेंस सिस्टम पेट्रियाट खरीदे। लेकिन पेट्रियाट एस-400 के सामने कहीं नहीं ठहरता। 

- साल 2018 में भारत और रूस के बीच एस-400 को लेकर समझौता हुआ था। 

- यह सर्फेस-टु-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। 40 किलोमीटर से लेकर 400 किलोमीटर दूरी तक मार कर सकता है। 

- दुश्मन के  बलिस्टिक मिसाइलों,  क्रूज और आधुनिक एयरक्राफ्ट को मार गिराने में सक्षम । 

- एक हीं राउंड में दुश्मन के 36 ठिकानों पर हमला करने में सक्षम। 

- रूस और भारत के बीच लगभग 40 हजार करोड़ रूपये का समझौता। आंकड़े अधिक व कुछ कम भी हो सकते हैंय़

- सुपरसोनिक और हाईपरसोनिक समेत चार प्रकार के मिसाइलें लगी होती हैं। 

- इस सिस्टम की खासियत है कि बहुत कम समय में इसे एक जगह से दूसरे जगह ले जाना और ऑपरेशनल करना बहुत ही आसान है। 

 एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम रूस के ही एस-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। और एस-400 को और आधुनिक व ताकतवर बनाने की कोशिश जारी है जिसका नाम है एस-500 (S-500)।  इस मिसाइल सिस्टम को अल्माज-आंते ने तैयार किया। साल 2007 से हीं इस क्षेत्र में कार्यरत हैं।  रूस की सरकारी हथियार कंपनी रोसोबोरोन एक्‍सपोर्ट के प्रमुख अलेक्‍जेंडर मिखेव ने स्‍पुतनिक न्‍यूज से कहा था कि अफ्रीका और पश्चिम एशिया के 7 और देश इस डिफेंस सिस्‍टम को लेने के लिए बातचीत कर रहे हैं। चीन और तुर्की के पास पहले से हीं है।