स्वतंत्रता दिवस 2020 : विश्व के लिये आत्मनिर्भर भारत जरूरी - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

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स्वतंत्रता दिवस 2020 : विश्व के लिये आत्मनिर्भर भारत जरूरी - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

टाइम्स खबर timeskhabar.com

 देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर ऐतिहासिक लाल किले के प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और देश को संबोधित किया। इस बार के 15 अगस्त पर कोरोना का साफ प्रभाव देखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में इसका उल्लेख किया। उन्होंने अपने भाषण में इस असाधरण समय में हमारे  डॉक्टर्स, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी समेत तमाम लोग  लगातार 24 घंटे काम कर रहे हैं, सेवा परमों धर्म के साथ। 

इस मौके पर उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल देश की अपेक्षाओं के लिये था और आने वाला पांच साल देश की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिये होंगे। बीते एक साल में देश ने अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं। 21वीं सदी के इस दशक में एक नई नीति और नई रीति के साथ आगे बढना होगा। साधारण से काम नहीं चलेगा। हमारी Policies, हमारे Process, हमारे Products, सब कुछ Best होना चाहिए, सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे उन्होंने उन भारतीय सैनिको को भी याद किया जिन्होंने लद्दाख में चीनी सेना के धोखे से किये गये हमले का करारा जवाब दिया और मुकाबला किया। दुनिया ने यह देख लिया कि भारत अपनी संप्रभुता के लिये क्या कर सकता है। 

 

(भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने पर जोर दिया और इसके लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कई घोषणाएं भी कीं। ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ को विश्व कल्याण के लिए भी जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी भी इस संकल्प से देश को नहीं डिगा सकती है। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से अपने सातवें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में मोदी ने कहा कि भारत की संप्रभुता का सम्मान सर्वोपरि है और जिसने भी इस पर आंख उठाई, देश व देश की सेना ने उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया।

प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ का नारा दिया और ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान’’ की घोषणा की। पारम्परिक कुर्ता-पायजामा और माथे पर साफा पहने प्रधानमंत्री ने 86 मिनट के अपने संबोधन में कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, अपनी क्षमता, अपनी रचनात्मकता, अपने कौशल को बढ़ाना भी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ कुछ महीने पहले तक एन-95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर ये सब विदेशों से मंगवाये जाते थे लेकिन आज इन सभी में भारत न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। हमें ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ना है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीयों ने आत्म-निर्भर होने का संकल्प लिया है और यह केवल शब्द नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए मंत्र है। उन्होंने कहा कि आखिर भारत कब तक कच्चे माल का निर्यात करेगा और तैयार उत्पादों का आयात करेगा, भारत को आत्म-निर्भर होना होगा।

उन्होंने कहा कि भारत की विश्व अर्थव्यवस्था में जो हिस्सेदारी है, वह बढ़नी चाहिए और इसके लिये हमें आत्म-निर्भर होना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम आर्थिक वृद्धि और विकास पर ध्यान केंद्रित करें तो मानवता इस प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका में होनी चाहिए।’’प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हमारा मन पूरी तरह से ‘वोकल फॉर लोकल’ (स्थानीय उत्पादों पर जोर देने वाला) होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत की संप्रभुता का सम्मान सर्वोपरि है और जिसने भी इस पर आंख उठाई, देश व देश की सेना ने उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया। मोदी ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि संप्रभुता के सम्मान के लिए देश व उसके जवान क्या कर सकते हैं, यह दुनिया ने लद्दाख में हाल ही में देखा।

उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसे उसी की भाषा में जवाब दिया है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है।’’

प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आतंकवाद हो या विस्तारवाद, भारत आज इनका डटकर मुकाबला कर रहा है।

पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के रूप में भारत को 192 में से 184 देशों के मिले समर्थन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह दर्शाता है कि आज दुनिया का भारत पर विश्वास और मजबूत हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘विश्व के 192 में से 184 देशों का भारत को समर्थन मिलना हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व की बात है। विश्व में कैसे हमने अपनी पहुंच बनाई है यह उसका उदाहरण है। यह तभी संभव होता है जब भारत खुद मजबूत हो, भारत सशक्त हो, भारत सुरक्षित हो।’’मोदी ने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ चाहे वे हमसे जमीन से जुड़े हों या समंदर से, हम अपने संबंधों को और विश्वास के साथ जोड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत का लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक रिश्तों को और गहराई दे।’’उन्होंने दक्षिण एशिया के देशों का आह्वान करते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र में जितनी शांति होगी, जितना सौहार्द्र होगा, वह मानवता के काम आएगा।

 

उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया का हित इसमें समाहित है।’’‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ (विश्व के लिए विनिर्माण) का नारा जोड़ते हुए मोदी ने भारत को आर्थिक नीतियों में सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ विश्व आपूर्ति श्रृंखला में विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में प्रस्तुत करने का संकल्प पेश किया। उन्होंने कहा कि भारत अपनी 130 करोड़ जनता के समर्थन के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की दिशा में प्रगति करने का सामर्थ्य रखता है।

‘‘आत्मनिर्भरता’’ को कोरोना वायरस महामारी से मिली सबसे बड़ी सीख करार देते हुए प्रधानमंत्री ने ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान’’ की घोषणा की और कहा कि इससे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति आएगी और तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी।उन्होंने कहा कि आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है और यह है ‘‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’’।उन्होंने कहा, ‘‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आएगा। तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी।’’

देश के सर्वांगीण अवसरंचना विकास के लिए ‘‘राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन परियोजना’’ में 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाने का एलान करते हुए उन्होंने बताया कि इसके लिए लगभग सात हजार परियोजनाओं को चिह्नित भी किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि भारत को आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिए, देश के सर्वांगीण अवसंरचना विकास को एक नई दिशा देने की जरूरत है।कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग का विस्तार से जिक्र करते हुए मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि 130 करोड़ देशवासियों की संकल्प शक्ति से भारत यह जंग जीतेगा।

प्रधानमंत्री ने कोरोना योद्धाओं, स्वतंत्रता के आंदोलन में कुर्बानी देने वाले सभी सेनानियों और देश की रक्षा में शहादत देने वाले जवानों को भी याद किया और उन्हें नमन किया।इससे पहले लाल किले पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने तिरंगा झंडा फहराया और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धाजंलि अर्पित की।

 

बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ऐसे गैरकांग्रेसी प्रधानमंत्री बन गये हैं जो सर्वाधिक बार लाल किले के प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराये। 

साभार  - न्यूज एजेंसी भाषा से भी।