बड़ी संख्या में स्वदेशी फाइटर प्लेन तेजस विमानों को वायुसेना में शामिल करने की तैयारी। एचएएल के साथ कांट्रेक्ट आखिरी राउंड में।

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बड़ी संख्या में स्वदेशी फाइटर प्लेन तेजस विमानों को वायुसेना में शामिल करने की तैयारी। एचएएल के साथ कांट्रेक्ट आखिरी राउंड में।

टाइम्स खबर timeskhabar.com

भारतीय वायुसेना की रक्षात्मक और मारक क्षमता को मजबूत करने के लिये 200 फाइटर जेट्स शामिल किये जायेंगे। रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा कि कम होती लड़ाकू विमान को देखते हुए भारत सरकार 200 लड़ाकू विमान खरीदेगी। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान ऐरोनॉटिकल्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से तैयार किए जा रहे 83 तेजस लड़ाकू विमानों का कॉन्ट्रैक्ट आखिरी राउंड में है। इसके अलावा 110 अन्य के लिये प्रस्ताव मांगे गये हैं। 

भारतीय वायुसेना के बेड़े में अभी सुखोई-30, मिग-29, मिराज-2000, मिग-21 बाइसन और जगुआर फाइटर प्लेन हैं। इनमें से मिग-21 बाइसन और जगुआर काफी पुरान हो चुके हैं। अभी कुछ हीं दिनों पहले मिग-27 फाइटर प्लेन ने आखिरी उड़ान भरी थी। यह विमान कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिये थे। पाकिस्तान के सारे महत्वपूर्ण ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। लड़ाकू विमान की कमी को पूरा करने के लिये आउटसोर्सिंग भी किया जा सकता है। इस बीच फ्रांस के आधुनिक लड़ाक विमान राफेल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 

- स्वदेशी लड़ाकू विमान है तेजस। इसका नामकरण 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। हालांकि स्वदेशी फाइटर प्लेन की जरूरत को देखते हुए भारत ने इसकी शुरूआत 1980 के दश में ही कर दी थी। 

- एचएएल द्धारा विकसित फाइटर प्लेन एक सीट और एक इंजन वाला विमान है। यह हल्का होने के साथ साथ एक साथ कई भूमिकाएं निभाने में सक्षम है। यह बिना पूँछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है।

- स्वदेशी फाइटर प्लेन तेजस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कम ऊंचाई पर उड़कर यह दुश्मन पर नजदीक से सटीक निशाना साध सकता है।

- तेजस की खासियत यह भी है कि यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम है। 

- हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल दागने में सक्षम। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं। डर्बी और अस्त्र मिसाइल से भी 'तेजस' लैस हो सकता है।

- तेजस के जरिए लेजर गाइडेड बम से दुश्मनों पर हमला किया जा सकता है। आधुनिक रडार और मिसाइल जैमर से भी इस लड़ाकू विमान को लैस किया गया है।

- तेजस दुश्मन के विमान या जमीन से दागी गई मिसाइल के भी आने की सूचना देता है। 

- कार्बन फाइबर, टाइटेनियम और एल्यूमीनियम एलॉय से बना तेजस की रफ्तार 2376 किलोमीटर प्रति घंटा है। 

- 13.20 मीटर लंबे, 8.20 मीटर चौड़ा और 4.40 मीटर ऊंचाई वाले तेजस 3000 किलोमीटर रेंज तक की उड़ान भरने में सक्षम है। 

- हवा से हवा में ङी ईंधन भरने की क्षमता। 

- तेजस समुद्री जहाज से उड़ान भरने और उतरने में भी सक्षम है। विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत से सफलतापूर्वक उड़ान और लैंडिंग।

बहरहाल, इन सबके के अलावा यहां दो बातें महत्वपूर्ण है 1. तेजस स्वदेशी फाइटर प्लेन है। और इसका निर्माण सार्वजनिक कंपनी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्धारा किया जा रहा है। 2. आर्थिक तंगी से जूझ रहे भारतीय रक्षा से जुडी सार्वजनिक कंपनी एचएएल को मजबूती मिलेगी।