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सुपर 30 के संस्थापक व गणितज्ञ आनंद कुमार को कई बार कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्हें बदनाम करने के लिये तरह तरह के हथकंडे अपनाये गये लेकिन हर बार षडयंत्र असफल हुए।
इन्हीं में से एक है गुवाहटी हाईकोर्ट में उनके खिलाफ याचिका। अंतत: गुवाहटी हाईकोर्ट ने 29 नवंबर को आनंद कुमार के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। वैश्विक स्तर पर देश के प्रतिष्ठित गणितज्ञ आनंद कुमार कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से लौटने पर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित हुए।
मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा और न्यायमूर्ति ए.एम. बुजोर बरुआ की पीठ ने गणितज्ञ आनंद की बातों को सुना और याचिकाकर्ताओं से पूछा कि क्या वे याचिका वापस लेना चाहेंगे? इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने याचिका तुरंत वापस लेने की पेशकश की और अदालत ने मामले को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस केस में गुवाहाटी हाईकोर्ट में सुनवाई लायक कुछ भी नहीं है।
आनंद कुमार ने कहा कि उन्हें भारतीय न्याय प्रणाली और सच्चाई के मार्ग पर हमेशा भरोसा रहा है। और हमेशा जीवन में सच्चाई का पालन किया है। निहित स्वार्थ की वजह से कुछ लोग मेरी छवि को धूमिल करते रहे हैं। मुझ पर और मेरे परिवार पर हमले भी किये गये ताकि मैं अपने लक्ष्य से विचलित हो जाऊं और गरीब छात्रों की मदद न कर संकू। इतना हीं नहीं मेरे सहयोगी को भी झूठे मामले में फंसाने की हर संभव कोशिश की गई जो उच्चस्तरीय जांच के बाद गलत साबित हुआ।
गणितज्ञ आनंद कुमार ने ट्वीट कर लिखा कि अपने जीवन में कई बार अपमानजनक स्थिति का सामना किया और अपमान किये जाने का हर प्रकरण मुझे मजबूत करता गया। मेरे खिलाफ केस किये गये फिर वापस लिये गये। लेकिन मैं इन सब चीजों से लगातार सीखने को मिला है। जो लोग पहचान संकट का सामना कर रहे हैं वे मुझे हर्ट नहीं कर रहे बल्कि बदनाम कर रहे हैं।