धनबाद : देश में एकल विद्यालय की संख्या एक लाख तक पहुंची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन को बधाई दी - जिलाध्यक्ष केदारनाथ मित्तल

धनबाद : देश में एकल विद्यालय की संख्या एक लाख तक पहुंची।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन को बधाई दी  - जिलाध्यक्ष केदारनाथ मित्तल

टाइम्स खबर timeskhabar.com

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के लिये काम करने वाले एकल-संगठन की काफी सराहना की। उन्होंने एकल-संगठन के अध्यक्ष प्रदीप गोयल को पत्र लिखकर बधाई दी कि साल 2022 तक एकल-विद्यालयों की संख्या एक लाख तक करने का जो लक्ष्य रखा था उसे संगठन ने समय से पहले ही पूरा कर लिया। इसपर एकल-अभियान के धनबाद जिले के अध्यक्ष केदारनाथ मित्तल और महिला विंग की अध्यक्षा आरती मित्तल ने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का अभियान लगातार जारी रहेगा। 

केदाननाथ मित्तल ने ग्लोबल खबर डॉट कॉम से कहा कि पूरे राष्ट्र का विकास करना है तो गांव गांव में और एक-एक व्यक्ति तक शिक्षा का प्रसार जरूरी है। सुदूर गांवों में रह रहे आदिवासी समाज के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते थे। उन्हें शिक्षित कर आगे बढाने का हर संभव एकल संगठन द्धारा किया जा रहा है। केदारनाथ मित्तल ने प्रधानमंत्री मोदी की काफी सराहना की और कहा कि उन्होंने सुदूर क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी भाई बहन सभी का विशेष ख्याल रखा ।

एक नजर प्रधानमंत्री मोदी द्धारा एकल-संगठन अध्यक्ष प्रदीप गोयल को लिखे गये पत्र पर : 

"एकल विद्यालयों की संख्या एक लाख तक पहुंचने पर एकल सगंठन को बहुत बहुत बधाई। ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाने का यह सतत और समर्पित प्रयास सराहनीय है। मुझे खुशी है कि 2022 में देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक मैंने एकल विद्यालयों की संख्या बढाकर एक लाख तक करने का जो आग्रह किया था उसे संगठन ने समय से पहले हीं पूरा कर दिखाया है। शिक्षा समावेशी विकास की कूंजी है। शिक्षा हीं विकसित समाज की कल्पना को साकार करती है। शिक्षा व्यक्ति का विकास कर उसे समाज और राष्ट्र की प्रगति का एक योग्य माध्यम बनती है। निश्चित रूप से एक शिक्षक एक विद्यालय के अपने अनूठे मॉडल के जरिये सुदूर ग्रामीण और जनजातीय अंचलों में शिक्षा के प्रसार में उल्लेखनीय योगदान देते एकल विद्यालयों की भूमिका प्रेरक है। एकल संगठन इसी ऊर्जा और उत्साह के साथ नए भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। इस विश्वास के साथ संगठन को भावी प्रयासों के लिये शुभकामनाएं - नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री) "

एकल संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं प्रदीप गोयल। एकल विद्यालय 'एक शिक्षक वाला विद्यालय' हैं जो विगत कई वर्षो से भारत के उपेक्षित और आदिवासी बहुल सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में एकल विद्यालय फाउंडेशन द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। भारत के वनवासी एवं पिछड़े क्षेत्रों में एकल विद्यालय चल रहे हैं। ग्रामीण भारत के उत्थान में शिक्षा के महत्व को समझने वाले हजारों संगठन इसमें सहयोग दे रहे हैं। भारत के वर्तमान में एकल स्कूल की संख्या एक लाख तक पहुंच गई है जिसमें लाखों बच्चे शिक्षित हो रहे हैं। धनबाद जिले के अध्यक्ष केदारनाथ मित्तल ने कहा कि  एकल विद्यालय फाउंडेशन मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। यहां बुनियादी शिक्षा ही नहीं दी जाती बल्कि समाज के उपेक्षित वर्गो को स्वास्थ्य, विकास और स्वरोजगार संबंधी शिक्षा भी दी जाती है। यहां तक आधुनिक कंप्यूटर की भी शिक्षा दी जा रही है। 

केदारनाथ मित्तल ने कहा कि एकल-अभियान के अध्यक्ष प्रदीप गोयल जी के नेतृत्व में यह कार्य तीव्रता से सफलता पूर्वक चलाई गई। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के आह्वान 'विद्यालय को ही बच्चों तक जाना होगा' को साकार करने के लिये आरएसएस के तत्कालीन अखिल भारतीय सेवा प्रमुख भाऊराव देवरस ने इसे आगे बढाया।  उन्होंने सुदूरवर्ती गांवों में एकल विद्यालय की स्थापना की नींव डाली थी। इस काम में एकल अभियान के केंद्रीय प्रभारी श्यामजी गुप्त ने अहम भूमिका निभाई। केदारनाथ मित्तल ने कहा कि एकल-विद्यालय की शुरूआत धनबाद जिले के टुंडी से शुरू हुई 1989 में। आज तारीख में जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक इसका प्रसार है। यहां न सिर्फ शिक्षा, बल्कि स्वास्थ्य, ग्राम विकास और संस्कार पर भी जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विहिप लीडर रहे अशोक सिंघल की तारीफ करते हुए कहा कि एक विद्यालय एक ब्रह्मस्त्र है। विकास के सही मायने तभी होंगे जब देश के लोगों को न्याय, शिक्षा और स्वास्थ्य मुफ्त मिले।