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भारत और चीन के प्रमुखों के बीच भले हीं अनौपचारिक मुलाकात का दौर हो लेकिन इसके राजनयिक महत्व काफी हैं। इस बीच भारत दौरे पर आए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का प्राचीन शहर महाबलीपुरम (मामल्लापुरम ) में शानदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बीते साल वुहान में चीन के राष्ट्रपति ने जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी का ग्रैंड वेलकम किया था, कुछ उसी तरह से चीनी राष्ट्रपति का महाबलीपुरम में स्वागत किया गया। दोनो नेताओं ने अपने-अपने अनुवादक के मार्फत बातचीत का सिलसिला जारी रखा।
इस दौरे का खासा महत्व है
- तमिलनाडु के महाबलीपुरम में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच गर्मजोशी से मुलाकात। और शानदार स्वागत किया गया।
- रास्ते के दोनो किनारे पर एक लाइन से खडे बच्चों ने भारत-चीन के झंडे लेकर राष्ट्रपति चिनफिंग का स्वागत किया।
- चीन के राष्ट्रपति को तमिलनाडु के समृद्ध संस्कृति से रूबरू कराया। सांस्कृतकि कार्यक्रम भारत नाट्यम का आयोजन किया गया।
- दोनो शक्तिशाली लीडर मोदी-चिनपिंग नारियल पानी के लुत्फ उठाये ।
- महाबलिपुरम से चीन का 1700 साल पुराना रिश्ता है। 18 वीं सदी में यहां के तत्कालीन राजा पल्लव और चीन के शासक के बीच सुरक्षा समझौता हुआ था।
- यह शहर समुद्र तट पर है। यहां मंदिरों को चट्टाने काटकर बनाया गया है।
- राष्ट्रपति चिनफिंग को ती ऐतिहासिक स्मारक दिखाये गये - अर्जुन की तपस्यास्थली, पंच रथ और शौर्य-मंदिर।
- दोनो नेताओं ने शोर मंदिर में रामायण की कहानी का मंचन भी देखा।
- कृष्णा बटरबॉल का भ्रमण। यहां लगभग 250 टन वजन का चट्टान काफी लोकप्रिय है। ढलान पर होने के बावजूद यह चट्टान बीते 1200 सालों से ऐसे ही एक स्थान पर है। यहीं पर दोनो लीडर मोदी-चिनपिंग ने हाथ उठाकर दोस्ती का संदेश दिया। प्रधानमंत्री मोदी का दक्षिण भारत प्रेम :
- दिल्ली में होने वाली भारत-चीन के औपचारिक शिखर बैठक का आयोजन महाबलिपुरम में किया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु की पारंपरिक परिधान में थे। वे करायी-वेष्टि (धोती) और आधे बाजू की सफेद शर्ट पहने थे।
- पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) के संस्थापक एस रामदास ने प्रधानमंत्री के इस पहल का स्वागत किया। और कहा तमिलों के पारंपरिक परिधान वेष्टि में देखना हर्ष की बात है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘दुनिया को तमिल संस्कृति को जानने दो।
कश्मीर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि चीन पाकिस्तान को काफी महत्व देता रहा है। लेकिन यह भारत का आंतरिक मामला है इसलिये इस पर चर्चा शायद ही हो। भारत चीन के बीच सीमा विवाद और व्यापार पर खुलकर चर्चा हो सकती है। दोनो नेताओं ने अपने अपने अधिकारियों व प्रतिनिधिमंडल का परिचय भी करवाया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश सचिव विजय गोखले और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से शी चिनफिंग ने औपचारिक मुलाकात की।