नासा का ऐतिहासिक उड़ान : सूरज से दोस्ती करने चला अमेरिका का पार्कर सोलर प्रोब यान का प्रक्षेपण।

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नासा का ऐतिहासिक उड़ान : सूरज से दोस्ती करने चला अमेरिका का पार्कर सोलर प्रोब यान का प्रक्षेपण।

सूर्य के बारे में जानकारी इकठ्ठा करने के लिये अमेरिका का अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा ने पार्कर-सोलर-प्रोब यान का प्रक्षेपण कर दिया है। यह सूरज के सबसे नजदीक पहुंचने वाला यान होगा। सूरज से 61 लाख किलोमीटर की दूर से वहां के बारे में जानकारी इकठ्ठ करेगा। इससे पहले साल 1976 में हिलियस-2 नामक अंतरिक्ष यान सूरज के निकट पहुंचा था इसकी सूरज से दूरी थी 430 लाख किलोमीटर। सूर्य पृथ्वी से सबसे नजदीक एक तारा है जिसका प्रकाश हमें मिलता है। पृथ्वी से सूर्य की दूरी लगभग 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर है यानी 9 करोड 29 लाख 60 हजार मील है।   

- इस ऐतिहासिक अभियान को अमेरिकी समयानुसार 3.31 मिनट यानी भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजे (12 अगस्त) प्रक्षेपण किया गया। 

- यह सबसे तेज गति से चलने वाला यान है। 

-91 वर्षीय खगोलशास्त्री यूजीन पार्कर के नाम पर इस अंतरिक्षा यान का नाम रखा गया है। इन्होंने सर्व प्रथम सौर हवा का वर्णन किया था। इन्होंने यान लॉच कहे जाने पर कहा कि  वॉउ, यह हम चले! अगले कई सालों तक हम कुछ सीखेंगे।

- पार्कर सोलर प्रोब यान को डेल्टा-IV हेवी रॉकट से लॉच किया गया। 

- प्रोब शुक्र ग्रह को अगले छह सप्ताह में पार कर लेगा। और अगले छह सप्ताह में सूर्य के निकट होगा। 

- यह यान अगले सात सालों में सूरज के 24 चक्कर लगायेगा। जैसे जैसे यान सूर्य के चक्कर लगाया जायेगा। वैसे वैसे वह सूर्य के और निकट आता जायेगा।

- सूर्य के स्थिति के साथ साथ इससे यह भी जानकारी मिल सकेगी कि ऊर्जा और गर्मी किस प्रकार सूर्य के चारो ओर घेर बनाने में कामयाब होती है।

-  "यह सबसे तेज़ गति से चलने वाला मानवनिर्मित वस्तु होगा जो 6 लाख 90 हज़ार किलोमीटर की गति से सूरज का चक्कर लगाएगा." इसका वज़न करीब 612 किलो है. जबकि इसकी लंबाई 9 फ़ीट 10 इंच है. सूरज की गर्मी से बचाने के लिए इसमें 11.43 सेंटीमीटर मोटी स्पेशल कार्बन कंपोजिट हीट शिल्ड लगाई गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस शिल्ड को 1300 डिग्री सेल्सियस तापमान का सामना करना पड़ेगा. यह यान अधिकतम 190 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से सूरज के चक्कर लगाएगा। यह गति कितनी तेज़ है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस चाल से वाशिंगटन से टोक्यो पहुंचने में केवल एक मिनट का वक्त लगेगा।

बहरहाल नासा ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। पार्कर सोलर प्रोब यान को  11 अगस्त को ही प्रक्षेपण किया जाना था लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से 24 घंटे के लिये टाल दिया गया था। फिर एक दिन बाद भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजे प्रक्षेपण किया गया। अब इसके प्रथम रिपोर्ट का इंतजार है। 

(नोट - इनपुट बीबीसी से)