सूर्य के लिये अंतरिक्षयान पार्कर सोलर प्रोब की लॉन्चिंग में 24 घंटे की देरी तकनीकी खराबी की वजह से।

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सूर्य के लिये अंतरिक्षयान पार्कर सोलर प्रोब की लॉन्चिंग में 24 घंटे की देरी तकनीकी खराबी की वजह से।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रबंधन) ने सूर्य के करीब उपग्रह भेजने के लिये अपने मिशन में 24 घंटों की देरी कर दी है। सबकुछ की तैयार हो चुकी थी। रॉकेट लॉन्च पैड पर भी था। लेकिन उल्टी गिनती वाली घड़ी में कुछ तकनीकी दिक्कत आने के कारण तत्काल परीक्षण को टाल दिया गया। अब 12 अगस्त को किया जायेगा। यह दुनिया का अपने आप में एक ऐतिहासिक अभियान है। 

ब्रह्मांड के रहस्य को जानने के लिये इंसान लगातार कोशिश कर रहा है। इसलिये नये नये रिसर्च किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 'नासा' यानी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेश, पहली एक ऐसा यान भेज रहा है जो सूर्य के बारे में जानकारी देगा। यान का नाम है सोलर पार्क प्रोब। नासा इस यान के मार्फत यह जानने की कोशिश करेगा कि सूर्य की कार्यप्रणाली क्या है? वहां का वातावरण कैसा है? मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कार के आकार का यह अंतरिक्षयान सूरज की सतह से लगभग 40 मील की दूरी से गुजरेगा। सूर्य भी एक तारा है जो पृथ्वी से सबसे नजदीक है। बताया जाता है कि इससे पहले किसी भी अंतरिक्ष यान ने इतने प्रकाश और ताप का समाना नहीं किया है। नासा ने इस मिशन का नाम दिया है टच-सन।  

- सूर्य के रहस्यों को जानने के लिये नासा ने सोलर-पार्क-प्रोब नामक यान भेजने की तैयारी ।  

- यह यान सूर्य की सतह से 40 लाख मील दूर से गुजरेगा। कोई भी अंतरिक्ष यान अभी तक इतने ताप और प्रकाश का सामना नहीं किय है।

- सूर्य पृथ्वी से सबसे नजदीक एक तारा है जिसका प्रकाश हमें मिलता है। पृथ्वी से सूर्य की दूरी लगभग 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर है यानी 9 करोड 29 लाख 60 हजार मील है।   

- अंतरिक्षयान पार्कर-सोलर-प्रोब फ्लोरिडा के केप-केनवेरेल से लॉन्च किया जायेगा। 

- सूर्य की ओर जाने वाले यान पार्कर-सोलर-प्रोब को यूनाइटेड लॉन्च अलायंस डेल्टा 4 हेवी रॉकेट से लॉन्च किया जायेगा। 

- यह यान साल 2024 तक सूर्य के 7 चक्कर लगायेगा। यह यान कई प्रकार के उपकरण से लैस है जो सूर्य के बारे में जानकारी देगा।

- यान को गर्मी से बचाने के लिये थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। इसमें ऐसा आधुनिक वॉटर कूलिंग सिस्टम लगाया गया है  जो यान का तापमान 29°सेंटीग्रेड तक रखने में सहायता करेगा। 

- मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह 

 इस अभियान को लेकर न सिर्फ अमेरिकी बल्कि पूरी दुनिया में उत्सुकता बनी हुई है। उत्सुकता इतनी बनी हुई है कि लोगो में मानसिक तनाव भी बना हुआ है। इस अभियान के लिये विशालकाय रॉकेट बनाया गया है। इसकी लंबाई 72 मीटर, चौड़ाई 15 मीटर है। लगभग 600 टन इंधन भरा हुआ है। सूर्य पृथ्वी के सबसे निकट का तारा है। इसकी रोशनी को धरती तक आने में 8 मिनट 16.6 सेकेंड का समय लगता है।