सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को कल शाम चार बजे बहुमत सिद्ध करने का आदेश।

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सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को कल शाम चार बजे बहुमत सिद्ध करने का आदेश।

टाइम्स ख़बर। कर्नाटक मामले में सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने राज्यपाल वजूभाई वाला के फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कल शाम (19 मई) चार बजे तक मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने का समय दिया है। जबकि राज्यपाल ने 15 दिनों का समय दिया था। येदियुरप्पा कल विश्वास मत पेश करेंगे। बीजेपी ने अदालत में कल के बहुमत परीक्षण के फैसले का विरोध किया था। कांग्रेस पार्टी के लीडर व वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक आंतरिक आदेश दिया है। आइये जानते हैं अन्य महत्वपूर्ण बातों को -  

 - सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को कल शाम चार बजे तक बहुमत साबित करने का आदेश दिया। 

- बीजेपी के पास सिर्फ 28 घंटे है आंकड़े जुटाने के लिये लेकिन बहुमत कैसे साबित होगा यह महत्वपूर्ण सवाल है।

- शक्ति परीक्षण फ्लोर टेस्ट से होगा। इसके लिये कांग्रेस और जेडीएस ने भी सहमति जताई। 

- कांग्रेस की ओर वकील अभिषेक मनु सिंघवी, जेडीएस की ओर से एडवोकेट कपिल सिब्बल और बीजेपी की ओर से मकुल रोहतगी थे।

- तीन जजों की पीठ ने कहा इस बात का फैसला बाद में किया जायेगा कि राज्यपाल को किस पार्टी को बहुमत के लिये बुलाया जाना चाहिये।

- अदालत ने अस्थायी स्पीकर (प्रोटेम स्पीकर) द्धारा विश्वास मत परीक्षण के आदेश दिये।

- मुख्यमंत्री येदियुरप्पा कल बहुमत साबित करने तक कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते।

- एंग्लो इंडियन समुदाय के आधार पर किसी को नये विधायक मनोनीत नहीं किया जा सकेगा।   

सुप्रीम कोर्ट मे बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने शक्ति परीक्षण के लिये  एक सप्ताह का समय मांगा था जिसे अदालत ने नकार दिया। और कहा कि इस समय सबसे बढिया विकल्प यही है कि 24 घंटे के अंदर बहुमत का परीक्षण किया जाये। 

- सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक डीजीपी को आदेश दिया कि शक्ति परीक्षण के समय सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जायें।

- अभिषेक मनु सिंघवी ने फ्लोर टेस्ट की वीडियो ग्राफी कराने की मांग की। लेकिन अदालत ने यह काम राज्यपाल के विवेक पर छोड़ दिया है।  

- बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी और अटॉर्नी जरनल ने कहा कि राज्यपाल का फैसला विवेकपूर्ण था इसलिये येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिया। 

  बहरहाल एक बात तो तय है कि बीजेपी के पास किसी भी सूरत में बहुमत नहीं है। बहुमत का जुगाड नैतिक रूप से नहीं हो सकता। अब देखना है कि कल शाम चार बजे येदियुरप्पा की सरकार कैसे बहुमत सिद्ध करती है। इस मामले की सुनवाई तीन जजों की पीठ कर रही है ये जज हैं - जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस सीकरी, जस्टिस बेबडे।