बीजेपी लीडर येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद शपथ समारोह पर रोक लगाने के इंकार किया सुप्रीम कोर्ट ने। रात भर हुई सुनवाई।

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बीजेपी लीडर येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद शपथ समारोह पर रोक लगाने के इंकार किया सुप्रीम कोर्ट ने। रात भर हुई सुनवाई।

(टाइम्स ख़बर)। बीजेपी लीडर येदुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे सुबह 9 बजे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया।  दरअसल कर्नाटक विधान सभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। 104 सीटें मिली लेकिन बहुमत नहीं मिला। वहीं कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली। कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन कर दिया। कुल मिलाकर इनके पास 116 सीटें हो गई जो बहुमत से 4 अधिक है। लेकिन राज्यपाल वजूभाई ने बीजेपी को निमंत्रण दिया सरकार बनाने के लिये। राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस रात 11 बजे सुप्रीम कोर्ट पहुंची। याचिका दायर की। समय न होने की वजह से रात में ही सुनवाई का आग्रह किया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने भी रात में ही तीन जजों की बेंच बनाई। और मामले की सुनवाई देर रात 2 बजे के आसापास सुनवाई शुरू हुई। 

- राज्यपाल वजूभाई ने 16 मई शाम को सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने के लिये न्योता दिया। और बहुमत साबित करने के लिये 15 दिनों का समय दिया।

- विधायक दल के नेता चुने गये येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद समारोह का समय 17 मई सुबह 9 बजे तय किया गया। 

- कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी को सरकार बनाने के आमंत्रण और 15 दिनों का समय दिये जाने के खिलाफ रात 11 बजे सुप्रीम कोर्ट पहुंची। और शपथ समारोह रोकने का आग्रह किया। कहा कि बीजेपी के पास बहुमत नहीं फिर सरकार बनाने का फैसला गलत है।

- मुख्यन्यायाधीश दीपक मिश्रा ने रात में ही तीन जजों की बेंच बनाई। इस पर रात दो बजे के आसपास सुनवाई शुरू हुई।

- सुप्रीम अदालत ने दोनो पक्षों की जिरह को सुनने के बाद। शपथ समारोह पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।  

- तीन जजों की बेंच में न्यायाधीश थे  - जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस सीकरी, जस्टिस बेबडे।

- इस मामले में कांग्रेस पार्टी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी, बीजेपी की ओर से पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए।

- अदालत ने राज्यपाल के शपथ समारोह फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। और इस बात को स्वीकार किया कि विश्वास मत के लिये 15 दिनों का समय दिये जाने पर सुनवाई हो सकती है।

- कांग्रेस वकील मनु सिंघवी ने मांग की कि कम से कम शपथ समारोह साढे चार बजे तक के लिये टाल दिया जाये लेकिन अदालत ने नहीं माना। 

 

यह ऐसा दूसरा मौका है जब अदालत रात भर चली। इससे पहले मुंबई बम धमाके के दोषी याकूब मेमन के मामले में सुनवाई रातभर हुई थी।