जय-जवान जय-किसान की गूंज आज भी है देश के कण-कण में।

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जय-जवान जय-किसान की गूंज आज भी है देश के कण-कण में।

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बने। वे दूसरे प्रधानमंत्री थे आजादी के बाद। जिस दौर मे वे प्रधानमंत्री बने थे उस समय देश के लिये अंदरूनी और बाहर के हालात अच्छे नहीं थे। देश के अंदर पूंजीपति वर्ग सभी मामले को अपने अनुरूप कराने के लिये दाबव बना रहे थे वहीं विदेशी आक्रमणो (चीन और पाकिस्तान) का खतरा बना हुआ था और हुआ भी कि पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया।भारतीय सेना के तीनों अंगो (जल-थल-वायु) कप्तानों ने प्रधानमंत्री शास्त्री जी से पूछा  कि सर क्या आदेश है? शास्त्री जी ने एक वाक्य में तत्काल उत्तर दिया कि "आप देश की रक्षा कीजिये और मुझे बताइये कि हमें क्या करना है?"

 

शास्त्री ने जय-जवान जय-किसान का नारा दिया। पूरा देश एकजुट था। देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे लाल बहादुर शास्त्री जी। वे लगभग 18 महीने तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने पहले प्रेस कांफ्रेस में ही कहा था कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता खादयान्न मूल्यों को बढने से रोकना है। और वे ऐसा करने में सफल भी रहे। इनका आचरण और क्रियाकलाप सैद्धान्तिक न होकर पूर्णत: व्यावहारिक और जनता की आवश्यकताओं के अनुरूप थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था 2 अक्टूबर 1904 को और निधन ताशकंद में 11 जनवरी 1966 को।