सचिन क्रिकेट और भारत रत्न।

सचिन क्रिकेट और भारत रत्न।

मुंबई – मास्टर बलास्टर सचिन तेंडूलकर ने क्रिकेट से सन्यास लेने का ऐलान किया और इसी दिन भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया। यह दिन सचिन के लिये विदाई के सुखद गम के साथ साथ दोहरे खुशियों वाला था। पहला यह कि टीम ने जहां सचिन को जीत का तोहफा दिया वहीं भारत सरकार ने देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत-रत्न देने का ऐलान किया। भारत सरकार ने तेंडूलकर के साथ साथ वैज्ञानिक सी.एन.आर. राव को भी भारत रत्न से स्मानित करने का ऐलान किया। 
सी.एन.आर राव जाने-माने रसायनशास्त्री हैं, जिन्होंने सॉलिड स्टेट और स्ट्रक्चरल केमिस्ट्री की फील्ड में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बहरहाल, खेल के क्षेत्र से पहली बार किसी खिलाड़ी को भारत-रत्न दिया गया है। अब तक सिर्फ 41 लोगों को यह अवॉर्ड मिला है। इसके पहले 2008 में भीमसेन जोशी को आखिरी बार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 
सचिन को नियम बदलकर भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। गौरतलब है कि पहले भारत रत्न जिन क्षेत्र को लोगों को दिया जाता था उसमें खेल शामिल नहीं था। सचिन के साथ हॉकी के जादूगर ध्यानचंद को भी भारत रत्न देने की मांग की जाती रही है। 

बहरहाल सचिन ने अपने को भारत रत्न से सम्मानित करने पर कहा कि यह सम्मान मां रजनी को समर्पित है। सचिन के बड़े भाई अजित तेंडुलकर ने कहा कि यह हमारे लिए बड़े सम्मान की बात है। हमें यह सम्मान पाकर खुशी होगी। सचिन के भारत रत्न मिलने पर कई लोगों ने शुभकामनाएं दी हैं। बीसीसीआई के उपाध्यक्ष व केद्रीयमंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि सचिन इसके हकदार हैं। 
स्वर कोकिला लता मंगेश्कर ने भी सचिन को भारत रत्न दिये जाने के ऐलान पर बधाई दी। 
सचिन ने अपने करियर का अंतिम इंटरनेशनल टेस्ट मैच वेस्टइंडिज के खिलाफ खिलाफ खेला और टीम ने उन्हें जीत के साथ विदाई दी। विदाई में पहले भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी फिर टीम के बाकी खिलाड़ियों ने कंधे पर उठाकर उन्हें ग्राउंड के चक्कर लगाकर विदाई सम्मान दिये। 

सचिन के साथ है खेल के क्षेत्र से हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद और विज्ञान के क्षेत्र से डॉ होमी जहांगीर भाभा को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग उठने लगी। वैज्ञानिक सी.एन.आर. राव जिन्हे भारत रत्न दिये जाने का ऐलान किया गया उन्होंने ने भी डॉ भाभी को भारत रत्न दिये जाने की मांग कर चुके हैं।
 
बहरहाल , नम आंखो के साथ  सचिन  ने आज जब क्रिकेट को अलविदा कहा तब दिल को छू लेने वाले अपने भाषण में परिवार, कोचों, साथियों, दोस्तों और प्रशंसकों को शुक्रिया कहना नहीं भूले और यह भी कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि पिछले 24 साल से 22 गज के दरमियान की उनकी जिंदगी खत्म हो गई है।