अर्थ जगत

  • सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के मालिक बने एलन मस्क।

    टाइम्स खबर timeskhabar.com दुनिया भर में इन दिनों सुर्खियों में हैं - अमेरिकी व्यापारी व टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क। उन्होंने विश्व के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को खरीद लिया। बीबीसी के अनुसार यह डील 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर में हुई। वे बॉस बन चुके हैं। ट्विटर का कमांड लेते हीं उन्होंने सबसे पहले ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल समेत कंपनी के कई बड़े अधिकारियों को हटा दिया। बीबीसी के अनुसार वॉशिंगटन पोस्ट के टेक रिपोर्टर फ़ैज़ सिद्दिक़ ने ट्वीट किया है कि पराग अग्रवाल, नेड सीगल और विजया गडे को मस्क ने नौकरी से हटा दिया है। पराग अग्रवाल भारतीय मूल के हैं। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई की और वे नवंबर 2021 में ट्विटर के सीईओ बने थे। विजया गडे भी भारतीय मूल की हैं और वे ट्विटर में लीगल, पॉलिसी और ट्रस्ट की प्रमुख थीं। इसके साथ ही कई महीनों से ट्विटर के भविष्य के बारे में अनिश्चितता ख़त्म हो गई।

    Read more ...
  • बॉम्बे आईआईटी से स्नातक पराग अग्रवाल बने ट्टिवर के नये सीईओ।

    लोकप्रिय सामाजिक प्लेटफॉर्म ट्टिवर के नये सीईओ बने हैं पराग अग्रवाल। कंपनी के सह संस्थापक जैक डॉर्सी के इस्तीफा देने के बाद आईआईटी बॉम्बे से स्नातक पराग अग्रवाल ट्विटर के नये सीईओ बनाये गये हैं। उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्ययालय से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की। पराग अग्रवाल साल 2011 में बतौर विज्ञापन इंजीनियर ट्विटर ज्वॉइन किया। उनके कामकाज को देखते हुए कंपनी ने उन्हें प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर इंजीनियर की उपाधि से नवाजा। साल 2017 में वे मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी बने। इससे पहले वे एटीएंडटी कंपनी, याहू और माइक्रोसऑफ्ट में इंटर्नशिप की थी।

    Read more ...
  • सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल।

    टाइम्स खबर timeskhabar.com सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ सरकारी बैंक कर्मचारियों में काफी रोष है। इसी कड़ी में 15 और 16 मार्च को राष्ट्रव्यापी हडताल है। 9 बैंकों यूनियन के समूह यूनाइटेड फ़ोरम ऑफ़ बैंक यूनियन ने इस हड़ताल का आहवान किया है। हड़ताल का साफ प्रभाव बैंकों पर दिखा। लेकिन सवाल है कि क्या सरकार उनकी बातों पर ध्यान दे रही है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने 1 फरवरी (2021) को बजट पेश करने के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव दिया था। तभी से इसका विरोध जारी है। देशव्यापी हड़ताल का असर आर्थिक राजधानी मुंबई से लेकर देश की कोल कैपिटल धनबाद जिले तक में दिखी। धनबाद में बैंक यूनीयन के नेताओं ने कहा कि बैकों के निजीकरण से आम जनता समेत सभी लोग परेशान होंगे। गांव देहात के लोग प्राइवेट बैंक में प्रवेश भी नहीं कर सकेंगे। जनधन योजना के तहत जिनके अकाउंट है क्या प्राइवेट बैंक उसका पालन करेगी।

    Read more ...
  • किसानों के उत्पाद के लिये किसान-रेल की शुरूआत।

    टाइम्स खबर timeskhabar.com किसानों के उत्पाद को एक जगह से दूसरे जगह आसानी और सस्ते में ले जाने के लिये रेलवे ने किसान-रेल की शुरूआत की है। इसे एक अच्छी शुरूआत माना जा रहा है। किसानों के लिये यह पहली ट्रेन देवलाली (महाराष्ट्र) से दानापुर (बिहार) तक चलेगी। केंद्रीय रेल मंत्री पीयुष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दोनो मंत्रियों ने कृषि भवन से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये हरी झंडी दिखाई। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई यह ट्रेन चार राज्यों से होकर गुजरेगी - महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार। किसान ट्रेन के लाभ : - किसानों के उत्पाद को देश के कोने कोने तक पहुंचाने में किसान रेल काफी कारगर साबित होगा। - कृषि मंत्री तोमर ने विश्वास जताया कि किसान अपने उत्पाद को सस्ते में एक जगह से दूसरे जगह भेज सकेंगे। - किसान की आय अधिक से अधिक हो इसलिये यह ट्रेन शुरू की गई।

    Read more ...
  • प्रधानमंत्री के 20 लाख के पैकेज और वित्त मंत्री की घोषणाएं स्वागत योग्य है लेकिन नई इंडस्ट्रीज लगाने वालों को पांच साल तक कर मुक्त रखना चाहिये - जीएसटी सलाहकार सुरेंद्र अरोड़ा।

    टाइम्स खबर timeskhabar.com कोराना वायरस और लॉकडाउन की वजह से उत्पन्न संकट से निपटने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ पैकेज का ऐलान किया है। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार दो दिन पैकेज के ब्रेकअप का खुलासा किया। दूसरे दिन प्रवासी मजदूर और छोटे किसानों के लिये ऐलान किया। इसको लेकर राजनीतिक दलों ने विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं दी है लेकिन झारखंड जीएसटी सलाहकार समिति के सदस्य सुरेंद्र अरोड़ा ने इसका स्वागत किया है। व्यवसायी सुरेंद्र अरोड़ा ने कहा कि प्रधानमन्त्री जी की 20 लाख के पैकेज एवं वित्त मन्त्री की घोषणाएँ लघुउद्योग, बिल्डरो,आम कामगारों एवं किसानो के लिये स्वागत योग्य हैं। इनके दूरगामी परिणाम आयेंगे। स्वदेशी को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक की घोषणाएं आगे व्यापार में सहयोग कर सकती हैं लेकिन तात्कालिक राहत नही दे सकती। किसी भी सरकार की योजनाएँ दीर्घकालिक एवं तात्कालिक होती हैं। अभी तक की घोषणाएं दीर्घकालिक हैं जबकि अभी तत्कालिक राहत की ज़रूरत है।

    Read more ...
  • स्टार इंडिया के चेयरमैन व मीडिया जगत के प्रतिष्ठित नाम उदय शंकर फिक्की के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट बने।

    टाइम्स खबर timeskhabar.com.com स्टार इंडिया के चेयरमैन उदय शंकर को फिक्की (FICCI) यानी भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ का सीनियर वाइस प्रेजिडेंट नियुक्त किया गया है। बीते साल (2018) वाइस प्रेजिडेट बनाया गया था। उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी गई वे बखूबी उसे पूरा हीं नहीं करते बल्कि एक नये विजन के साथ आगे भी बढाते रहे हैं। मीडिया और ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री के क्षेत्र में उनका उल्लेखनीय योगदान है। उन्होंने डिजिटाइजेशन और सेल्फ-रेगुलेशन समेत कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों का नेतृत्व भी किया है और इंडस्ट्री को इसका लाभ भी मिला।

    Read more ...
  • जीडीपी में भारी गिरावट। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिंता व्यक्त की।

    टाइम्स खबर timeskhabar.com भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार गिरवाट जारी है। सरल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में गिर कर 4.5 फीसीद तक पहुंच गया है। इस पर चारो ओर से मोदी-सरकार की नीतियों को जिम्मेवार ठहराया जाय रहा है। अर्थशास्त्री व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गिरती जीडीपी पर चिंता व्यक्त की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 'गहराती आशंकाओं' को दूर करने और देश को फिर से एक सौहार्दपूर्ण और आपसी भरोसे वाला समाज बनाने का आग्रह किया, जिससे अर्थव्यवस्था को तेज करने में मदद मिल सके।

    Read more ...
  • प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के बाद अर्थव्यवस्था पर बोलने से बचते रहे नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी।

    टाइम्स खबर timeskhabar.com अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ व नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात सुर्खियों में रही। मुलाकात के बाद अभिजीत ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर कुछ भी कहने से परहेज किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सचेत कर चुके हैं। वे मीडिया के जाल में नहीं फंसेगें। सवाल है कि एक नोबेल पुरस्कार विजेता अपने ही विषय पर मीडिया के जाल में कैसे फंस सकता है? भारतीय अर्थव्यस्था को लेकर गंभीर टिप्पणी करने वाले अभिजीत बनर्जी प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के बाद चुप हैं। उन्होंने कहा कि वे टीवी देख रहे हैं। यहां तक कि आपको भी देख रहे हैं। वहीं, इससे पहले अभिजीत बनर्जी से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक ट्वीट किया। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक तस्वीर भी साझा की। इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने बताया कि उनके साथ विस्तार से कई विषयों पर बात हुई। ट्विटर पर पीएम मोदी ने लिखा, ''नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ शानदार बैठक हुई। मानव सशक्तीकरण के प्रति उनका जुनून साफ दिखाई देता है। हमने विभिन्न विषयों पर एक स्वस्थ और व्यापक बातचीत की। भारत को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं।'' पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अभिजीत बनर्जी को लेकर कहा था कि उनका झुकाव पूरी तरह वामपंथ की ओर है। गोयल ने शुक्रवार को पुणे में संवाददाताओं से कहा था कि मैं अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार जीतने की बधाई देता हूं। आप सभी जानते हैं कि उनकी सोच पूरी तरह वाम की ओर झुकाव वाली है। भाजपा नेता ने कहा कि बनर्जी ने कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित ‘न्याय' योजना का समर्थन किया और भारत की जनता ने उनकी सोच को नकार दिया।

    Read more ...
  • भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत नोबेल पुरस्कार के लिये नामांकित। कहा भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाई हुई है।

    टाइम्स खबर timeskhabar.com साल 2019 के लिए अर्थशास्त्र का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार तीन लोगों को संयुक्त रूप से नामांकित किया गया। ये हैं भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लो और अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर। अर्थशास्त्री अभिजीत ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाई हुई है। जो उपलब्ध आंकड़े हैं उससे यह भरोसा नही होता है कि अर्थव्यवस्था में जल्द सुधार होने वाला है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच-छह सालों में कुछ गति देखने को मिली लेकिन अब यह भरोसा खत्म हो चुका है। अर्थशास्त्री अभिजीत ने नोबेल पुरस्कार मिलने पर खुशी जताई और कहा कि उन्होंने कभी यह सोचा नहीं था कि करियर में उन्हें इतनी जल्दी नोबेल पुरस्कार मिलेगा। उन्होंने कहा कि वे कोशिश की है कि गरीबी कैसे कम हो। इसके समाधान करने की कोशिश की है। पिछले 20 सालों से रिसर्च कर रहा हूं। - अभिजीत बनर्जी का जन्म मुंबई में हुआ और पढाई लिखाई उन्होंने कोलकता और दिल्ली से की। - अभिजीत के माता निर्मला और पिता दीपक बनर्जी दोनो ही प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री रहे। - अभिजीत कोलकाता के साउथ प्वाइंट स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रेसीडेंसी कॉलेज से बैचलर डिग्री हासिल की। - जेएनयू से अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की।

    Read more ...
  • राष्ट्रवादी मोदीनॉमिक्स पर भारी बाजार की ताकत।

    (वरिष्ठ पत्रकार, प्रवीण कुमार) । देश में राष्ट्रवादी बयार के बीच जो जनभावनाएं मौजूद हैं उनमें से ही लोग दबी जुबान में यह बात अब करने लगे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रतिम लोकप्रियता और सरकार की ताकत को कोई टक्कर दे सकता है तो वह है भारतीय बाजार, भारतीय अर्थव्यवस्था। मीडिया, चुनाव आयोग, केंद्रीय जांच एजेंसियां समेत तमाम संवैधानिक व अन्य संस्थाएं, यहां तक कि पड़ोसी या कहें तो दुश्मन देश पाकिस्तान से भी यह सरकार निपटने में पूरी तरह सक्षम है लेकिन बाजार की जो राजनीतिक ताकत है उसे राष्ट्रवादी औजार से काबू नहीं किया जा सकता। उसका एक बना-बनाया सिद्धांत है जिससे छेड़छाड़ करने का मतलब है वह बेपटरी हो जाता है। सरकार अर्थव्यवस्था के ऐसे दोराहे पर आकर फंस गई है कि उसे यह समझ में नहीं आ रहा कि आगे बढ़ा जाए या पीछे। हालत यह हो गई है कि आगे कुआं दिख रहा और पीछे खाई।

    Read more ...
  •     
City4Net
Political