जीडीपी में भारी गिरावट। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिंता व्यक्त की।

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जीडीपी में भारी गिरावट। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिंता व्यक्त की।

टाइम्स खबर timeskhabar.com

भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार गिरवाट जारी है। सरल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में गिर कर 4.5 फीसीद तक पहुंच गया है। इस पर चारो ओर से मोदी-सरकार की नीतियों को जिम्मेवार ठहराया जाय रहा है। अर्थशास्त्री व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गिरती जीडीपी पर चिंता व्यक्त की और  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 'गहराती आशंकाओं' को दूर करने और देश को फिर से एक सौहार्दपूर्ण और आपसी भरोसे वाला समाज बनाने का आग्रह किया, जिससे अर्थव्यवस्था को तेज करने में मदद मिल सके। अर्थव्यवस्था पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन में अपना विदाई भाषण देते हुए सिंह ने कहा कि आपसी विश्वास हमारे सामाजिक लेनदेन का आधार है और इससे आर्थिक वृद्धि को मदद मिलती है। लेकिन 'अब हमारे समाज में विश्वास, आत्मविश्वास का ताना-बाना टूट गया है।' उन्होंने कहा, 'हमारा समाज गहरे अविश्वास, भय और निराशा की भावना के विषाक्त संयोजन से ग्रस्त है।' यह देश में आर्थिक गतिविधियों और वृद्धि को प्रभावित कर रहा है। 

दरअसल चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 4.5 प्रतिशत पर रह गई है। यह छह साल का न्यूनतम स्तर है।  एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी। वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर का आंकड़ा 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद से सबसे कम है। उस समय यह 4.3 प्रतिशत रही थी। 

एनडीटीवी के अनुसार रिजर्व बैंक समेत कई एजेंसियों ने 2019-20 के लिये देश की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को घटाया है. रिजर्व बैंक के अनुसार 2019-20 में यह 6.1 प्रतिशत रह सकती है जबकि पूर्व में उसने इसके 6.9 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी थी. चीन की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 6 प्रतिशत रही जो 27 साल का न्यूनतम स्तर है. इस बीच, सरकारी आंकड़ों के अनुसार आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर में अक्टूबर महीने में 5.8 प्रतिशत की गिरावट आई. यह आर्थिक नरमी गहराने का संकेत है. आठ में से छह बुनियदी उद्योगों के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गयी है.