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कांग्रेस लीडर राहुल गांधी( वायनाड से सांसद) लोकसभा के सदस्य बने रहेंगे या सदस्यता चली जायेगी, इसको लेकर विशेषज्ञों के बीच बहस जारी है। दरअसल सूरत की अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम से संबंधित बयानबाजी के चार साल(2019) पुराने मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है। सजा सुनाये जाने के बाद उन्हें तुरंत जमानत मिल गई। सुनवाई के वक्त खुद राहुल गांधी अदालत में मौजूद थे। अदालत ने राहुल गांधी को ऊपरी अदालत में अपील करने के लिये 30 दिनों का समय दिया। रााहुल की ओर से कहा गया कि राहुल का बयान किसी समुदाय को ठेस पहुंचाने का नहीं था। इस फैसले पर राहुल के खिलाफ याचिका दायर करने वाले पुर्णेश मोदी ने अदालत का स्वागत किया। दो साल की सजा पर उन्होंने कहा कि इसमें खुश हूं या नहीं यह सवाल नहीं है। किसी समाज या जाति के खिलाफ बयान नहीं देना चाहिये।
- साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी के सरनेम से जुड़े विवादित बयान दिया था ।
- उन्होंने यह बयान दिया था, कर्नाटक के कोलार में।
- इस मामले में राहुल के खिलाफ आईपीसी( भारतीय दंड संहिता) की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज किया गया।
- केस दर्ज कराने वाले थे बीजेपी के विधायक व पूर्व मंत्री पुर्णेश मोदी।
- इस धारा के तहत दोषी पाये जाने पर अधिकतम दो साल की सजा है।
- सूरत की अदालत ने दोषी ठहराते हुए राहुल को दो साल की सजा सुनाई।
- सजा सुनाये जाने के बाद उन्हें तुरंत जमानत दी गई और तीस दिन का समय दिया गया ऊपरी अदालत में अपील के लिये।
बहरहाल, राहुल गांधी ने कहा कि उनका मकसद कभी भी किसी समाज को ठेस पहुंचाने का नहीं था। उन्होंने ट्वीट किया कि "मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन."