विश्व के प्रभावशाली देशों का संगठन जी-20 की अध्यक्षता भारत करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी गई कमान।

1
विश्व के प्रभावशाली देशों का संगठन जी-20 की अध्यक्षता भारत करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी गई कमान।

टाइम्स खबर timeskhabar.com

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा लगातार बढती जा रही है। इसकी झलक इंडोनेशिया के बाली द्धीप पर आयोजित जी-20 देशों की शिखर बैठक में भी देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बातों को जी-20 के सभी सदस्यों ने ध्यान से सुना और अपना समर्थन दिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की यह एक बड़ी उपलब्धि है कि भारत अगले एक साल के लिये जी-20 की अध्यक्षता करेगा। इसकी शुरूआत 1 दिसंबर(2022) से होगा।  जी-20 के सदस्‍य देशों में भारत, रूस, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन, यूरोपीय संघ, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको,  सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और तुर्किये शामिल है ।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 सदस्यों को संबोधित किया जो निम्लिखित है - 

Friends,

मैं एक बार फिर अपने मित्र राष्ट्रपति जोकोवी का अभिनन्दन करना चाहता हूँ। उन्होंने इस कठिन समय मे जी-20 को कुशल नेतृत्व दिया है। और मैं आज जी-20 समुदाय को बाली डिक्लेरेशन के अनुमोदन के लिए भी बधाई देता हूँ। भारत अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान इंडोनेशिया के सराहनीय initiatives को आगे बढ़ाने का प्रयत्न करेगा। भारत के लिए यह अत्यंत शुभ संयोग है कि हम जी-20 अध्यक्षता का दायित्व इस पवित्र द्वीप बाली मे ग्रहण कर रहे हैं। भारत और बाली का बहुत ही प्राचीन रिश्ता है।

Excellencies,

भारत जी-20 का जिम्मा ऐसे समय ले रहा है जब विश्व geopolitical तनावों, आर्थिक मंदी, खाद्यान्न और ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतों, और महामारी के दीर्घकालीन दुष्प्रभावों से एक साथ जूझ रहा है। ऐसे समय, विश्व जी-20 की तरफ आशा की नजर से देख रहा है। आज मैं यह आश्वासन देना चाहता हूँ कि भारत की जी-20 अध्यक्षता inclusive, ambitious, decisive, और action-oriented होगी।

Excellencies,

अगले एक साल मे हमारा प्रयत्न रहेगा कि जी-20 नए विचारों की परिकल्पना के लिए, और सामूहिक एक्शन को गति देने के लिए, एक ग्लोबल prime mover की तरह काम करे। प्राकृतिक संसाधनों पर ownership का भाव आज संघर्ष को जन्म दे रहा है, और पर्यावरण की दुर्दशा का मुख्य कारण बना है। Planet के सुरक्षित भविष्य के लिए, trusteeship का भाव ही समाधान है।इसमे LiFE यानि ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ अभियान एक बड़ा योगदान दे सकता है। इसका उद्देश्य सस्टैनबल lifestyles को एक जन-आंदोलन बनाना है।

Excellencies,

आज आवश्यकता है कि विकास के लाभ सर्व-स्पर्शी और सर्व-समावेशी हों। हमें विकास के लाभों को मम-भाव और सम-भाव से मानव-मात्र तक पहुंचाना होगा। वैश्विक विकास महिलाओं की भागीदारी के बिना संभव नहीं है। हमें अपने जी-20 agenda मे women led development पर प्राथमिकता बनाए रखनी होगी। बिना शांति और सुरक्षा, हमारी आने वाली पीढ़ियाँ आर्थिक वृद्धि या technological इनोवैशन का लाभ नहीं ले पायेंगी। जी-20 को शांति और सौहार्द के पक्ष मे एक दृढ़ संदेश देना होगा। यह सभी प्राथमिकताएं, भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम – “One Earth, One Family, One Future” – में पूर्ण रूप से समाहित हैं।

Excellencies,

जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करना हर भारतीय के लिए गर्व का अवसर है। हम अपने देश के विभिन्न शहरों और राज्यों मे, जी-20 की बैठकें आयोजित करेंगे। हमारे अतिथियों को भारत की अद्भुतत विविधता, समावेशी परंपराओं, और सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा। हमारी कामना है कि आप सभी ‘मदर ऑफ डिमाक्रसी’ भारत मे इस अद्वितीय उत्सव में सहभागी होंगे। साथ मिल कर हम जी-20 समूह को वैश्विक बदलाव का कैटलिस्ट बनाएंगे।

इंडोनेशिया में आयोजित जी-20 बैठक के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु :

-  रूस के राष्ट्रपति पुतिन इस बैठक में शामिल नहीं हुए। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने संबोधित करने दिया गया किया। हालांकि यूक्रेन जी-20 का सदस्य नहीं है। 

-  भारत ने साल 2023 के लिए बांग्‍लादेश, मिस्र, मार‍िशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्‍पेन और यूएई को साल 2023 के शिखर सम्‍मेलन के लिए अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया। 

- रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा छाया रहा। ब्रिटिश पीएम श्रृषि सुनक ने कहा कि ईंधन और अनाज को हथियार बनाना स्वीकार नहीं।

-  भारत की प्राथम‍िकता समावेशी, समान और सतत विकास, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, जलवायु वित्‍तपोषण, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा है।  

बहरहाल, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर विश्व दो भागों में विभाजित है। ऐसे भारत एकमात्र देश है जो विश्व शांति के लिये सबसे संतुलित देश है। रूस से हमारे ऐतिहासिक रिश्ते हैं यह किसी से छिपा नहीं है। वहीं अमेरिका समेत पश्चिमी देशों से भी भारत के अच्छे रिश्ते हैं। ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा बतौर जी-20 अध्यक्ष।