शिवसेना : शिवसेना दो भागों में विभाजित। उद्धव अध्यक्षता वाली शिवसेना का नया चुनाव चिन्ह 'मशाल' तो शिंदे नेतृत्व वाले शिवसेना का चुनाव चिन्ह 'दो तलवार और एक ढाल'

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शिवसेना : शिवसेना दो भागों में विभाजित। उद्धव अध्यक्षता वाली शिवसेना का नया चुनाव चिन्ह 'मशाल' तो शिंदे नेतृत्व वाले शिवसेना का चुनाव चिन्ह 'दो तलवार और एक ढाल'

टाइम्स खबर डेस्क  timeskhabar.com

महाराष्ट्र का प्रमुख राजनीतिक दल शिवसेना दो भागों में विभाजित हो गया। मूल धड़े के प्रमुख उद्धव ठाकरे हैं तो अलग होकर पार्टी बनाने वाले शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे। शिवसेना में इससे पहले भी बगावत हुई है लेकिन इतना बड़ा विभाजन कभी नहीं हुआ। पार्टी का मूल नाम शिवसेना और चुनाव चिन्ह तीर-धनुष फ्रीज कर लिया गया है और दोनों हीं गुटों को उनके द्धारा सुझाये गये नामों के अनुसार पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया चुनाव आयोग द्धारा। 

आयोग ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागी गुट का नाम 'बालासाहेबांची शिवसेना' और चुनाव चिन्ह 'दो तलवार और एक ढाल' आवंटित किया है। वही मूल शिवेसना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे वाले राजनीतिक दल का नाम 'शिवसेना-उद्धव बाल ठाकरे' और चुनाव चिन्ह 'मशाल' आवंटित किया गया। शिवसेना का चुनाव चिन्ह फ्रीज होने के बाद उद्धव  ने उप चुनाव के लिए चुनाव आयोग को तीन नाम और तीन निशान के विकल्प दिए थे। निशान में त्रिशूल, उगता सूरज और मशाल शामिल थे। वहीं, पार्टी के नाम शिवसेना बाला साहेब ठाकरे, शिवसेना बालासाहेब प्रबोधनकर ठाकरे, शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे दिए गए थे। वहीं शिंदे ने भी त्रिशूल, उगता सूरज और गदा चुनाव चिह्न मांगे थे। आयोग ने इन तीनों में से कोई भी चिह्न नहीं दिए। वजह ये कि उगता सूरज DMK का चुनाव चिह्न है, वहीं त्रिशूल और गदा को धार्मिक चिह्न बताया गया।   

दोनों हीं गुट शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे को अपना नेता मानते हैं। पार्टी से विद्रोह को लेकर उद्धव ठाकरे का कहना है कि एकनाथ शिंदे ने पार्टी से गद्दारी की और एकनाथ शिंदे इसे गद्दारी नहीं गदर करार दिया। शिवसेना की स्थापना 19 जून 1966 को बालासाहेब ठाकरे ने की थी।  बाला साहेब के निधन के बाद पार्टी का नेतृत्व उनके पुत्र उद्धव ठाकरे ने संभाली।