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भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका बेहद हीं कठिन दौर से गुजर रहा है। चीनी कर्ज जाल में फंसे श्रीलंका में मंहगाई ऐहतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है। पेट्रोल-डीजल की काफी किल्लत है। राजघानी कोलंबों में 12-13 घंटों की बिजली कटौती की जा रही है। एक कप चाय की कीमत एक सौ रूपये . ब्रेड की कीमत एक हजार रूपये तक पहुंच चुकी है। खाने-पीने का सामाना, गैस, पेट्रोल-डीजल सभी चीजों की भारी किल्लत को देखते हुए वहां के लोग सड़को पर उतर आये हैं। जगह जगह हिंसा और आगजनी की घटनाएं घटित हो रही हैं। इस बीच श्रीलंका की सरकार ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया है।
स्थिति नियंत्रण से बाहर जाते देख श्रीलंका की सरकार ने सोशल मीडिया व्हाट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर 3 अप्रैल को प्रतिबंध लगा दिया। इस द्वीपीय देश में अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट को लेकर होने वाली सरकार विरोधी रैलियों से पहले यह कदम उठाया गया है। न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार ‘कोलंबो पेज’ अखबार की खबर के मुताबिक, इस कदम का उद्देश्य घंटों तक बिजली कटौती के बीच भोजन, आवश्यक वस्तुओं, ईंधन और दवाओं की कमी से जूझ रहे लोगों को राहत पहुंचाने में सरकार की नाकामी के विरोध में कोलंबो में लोगों को एकत्रित होने से रोकना है।
साइबर सुरक्षा और इंटरनेट शासन पर नजर रखने वाले निगरानी संगठन ‘नेटब्लॉक्स’ ने श्रीलंका में मध्यरात्रि के बाद रविवार को फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप, वाइबर और यू्ट्यूब समेत कई सोशल मीडिया मंचों पर पाबंदी लगा दिये जाने की पुष्टि की। खबर में कहा गया है कि श्रीलंका के प्रमुख नेटवर्क ऑपरेटर डायलॉग, श्रीलंका टेलीकॉम, मोबीटेल, हच इस पाबंदी के दायरे में हैं। जिन सोशल मीडिया और मैसेजिंग मंचों पर पूरी तरह या आंशिक रूप से इसका असर पड़ा है, उनमें फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टॉकटॉक, स्नैपचैट, व्हाट्सऐप, वाइबर, टेलीग्राम और फेसबुक मैसेंजर शामिल हैं।
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अधिसूचना जारी कर श्रीलंका में एक अप्रैल से तत्काल प्रभाव से आपातकाल लागू करने की घोषणा की थी। वहीं भारत ने श्रीलंका को हर संभव मदद करने की कोशिश कर रहा है।