टाइम्स खबर डेस्क timeskhabar.com
द्धितीय विश्व युद्द के बाद का सबसे घमासान युद्ध शुरू हो गया है। रूस ने यूक्रेन पर जबरदस्त हमला किया। इस युद्ध में पारंपरिक हथियार आधुनिक टैंक, हेलिकॉप्टर, फाइटर प्लेन के इस्तेमाल किये जा रहे हैं। यहां तक कि लंबी दूरी के घातक मिसाइलें और परमाणु बम तक तैनात हैं। दरअसल यूक्रेन पर हमले को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने रूस के इस कदम की निंदा की। लेकिन रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने उनकी धमकियों को दरकिनार कर साफ कर दिया है कि वे अपने देश की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकते। यदि किसी देश ने हस्तक्षेप किया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ऐसे परिणाम जो पहले कभी नहीं देखे गये।
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि उनका देश यूक्रेन में सैन्य अभियान चलायेगा। उन्होंने यूक्रेन सेना से आत्मसमर्पण का आह्वान किया। पुतिन ने कहा कि ये कार्रवाई यूक्रेन द्धारा पेश किये जा रहे खतरों को देखते हुए किया है। खून-खराबे के लिये यूक्रेन जिम्मेदार है। रूस का कहना है कि यूक्रेन नाटो देशों के लिये एक अड्डा बनता जा रहा है। और यूक्रेन मे नाटो अपने हथियार जुटाने में लगा है। इससे उनके देश को खतरा है। उल्लेखनीय है कि कोल्ड-वॉर के दौरान सोवियत संघ बिखर गया था। अब वे किसी प्रकार की गलती नहीं कर सकते और अपने देश की सुरक्षा को लेकर वे हर प्रकार के कदम उठा सकते हैं।
इस बीच नाटो देश ने रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया है। और यूक्रेन के समर्थन में हथियारों की सप्लाई की जारी है। रूस ने अमेरिका, ब्रिटेन और फांस समेत पूरे नाटो देश की धमकियों को कोई महत्व नहीं देते हुए यूक्रेन पर लगातार बम बारी जारी रखा है। यूक्रेन भी अपनी क्षमता के अनुसार संघंर्ष कर रहा है। बड़ी संख्या में सेनाओं के मारे जाने की खबर है। यदि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता देकर उसकी ओर से सीधे तौर अमेरिका और उसके सहयोगी देश युद्ध में शामिल होता है तो तीसरे विश्व युद्ध का आगाज हो जायेगा। संभवानाएं हैं कि चीन और उत्तर कोरिया रूस के समर्थन में युद्ध में शामिल हो। भारत अभी तक गुटनिरपेक्ष की स्थिति में है। लेकिन माना जा रहा है कि भारत रूस के साथ हीं होगा। उत्तर कोरिया से अभी दो दिनों पहले हीं भूंकप की खबर आई थी। इस बारे में अमेरिका का कहना है कि शायद उत्तरी कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया है। रूस ने भी परमाणु बम की धमकी दी।
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बृहस्पतिवार 24 फरवरी को कहा कि यूक्रेन में ‘‘विशेष सैन्य अभियान’’ शुरू करने का निर्णय उसका असैन्यीकरण करने और नाजियों से मुक्त कराने के मकसद से लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का लक्ष्य रूसी नागरिकों सहित शांतिप्रिय लोगों के खिलाफ अनगिनत अपराध करने वालों को न्याय के दायरे में भी लाना है। रूसी राष्ट्रपति ने टेलीविजन पर अपने विशेष संबोधन में कहा,‘‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ डोनबास ने मदद की गुहार लगाते हुए रूस से संपर्क किया, मैंने विशेष सैन्य अभियान चलाने का निर्णय किया है।’’
उन्होंने कहा कि सैन्य अभियान का लक्ष्य ‘‘ उन लोगों की रक्षा करना है जो प्रताड़ित हैं, आठ वर्ष से कीव के शासन में जनसंहार का सामना कर रहे हैं। हम यूक्रेन का असैन्यीकरण करने और उसे नाजियों से मुक्त करने का प्रयास करेंगे। साथ ही, रूसी नागरिकों सहित शांतिप्रिय लोगों के खिलाफ अनगिनत अपराध करने वालों को न्याय के दायरे में भी लाएंगे।’’
सरकारी समाचार एंजेसी ‘टीएएसएस’ ने अपनी खबर में पुतिन के हवाले से कहा कि न्याय और सत्य रूस के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा,‘‘बलों की हमेशा जरूरत होती है,लेकिन ये अलग अलग प्रकार के हो सकते हैं और हम जानते हैं कि सही ताकत न्याय और सत्य में हैं और ये हमारे साथ हैं।’’ कीव के गैरकानूनी आदेशों की अवहेलना करने वाले यूक्रेनी सैनिकों को सैन्य क्षेत्र से जाने दिया जाएगा।
इसबीच, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने यूक्रेन की वायु सेना और हवाई रक्षा तथा सैन्य बुनियादी ढांचे को बेअसर करने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया है