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कोरोना के दौर में अर्थव्यवस्था एक तरह से ठहर सी गई है। पूरी दुनिया लगभग लॉकडाउन की स्थिति में है। इसका प्रभाव टीवी-वर्ल्ड (इंटरटेंमेंट और न्यूज) पर भी पड़ने लगा है। इस बारे में स्टार इंडिया के चेयरमैन उदय शंकर का मानना है कि विज्ञानपन अपेक्षाकृत 20 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने आजतक के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल के साथ ऑनलाइन ई-कॉन्क्लेव जंप स्टार्ट सीरीज में बातचीत के दौरान कहा कि एडवर्टाइजिंग सेक्टर काफी एडवांस सेक्टर है। यहां पहले हीं मालूम चल जाता है कि क्या हो रहा है अन्य सेक्टरों के अपेक्षा।
स्टार इंडिया के चेयरमैन उदय शंकर ने कहा कि ऐसी स्थिति जहां सीधा अर्थव्यवस्था प्रभावित हो, वहां कंपनियां पहले अपने विज्ञापन में कटौती करती है। इन दिनों जो हालात हैं इससे यही आशंका है कि आने वाले दिनों में स्थितियां और खराब हो सकती है। वार्ता के दौरान स्टार इंडिया के चेयरमैन उदय शंकर ने कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने विचार रखे जो निम्नलिखित है :
कोरोना वायरस का मीडिया इंडस्ट्री पर प्रभाव :
लॉक डाउन का तीसरा चरण जारी है। इसको लेकर कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं। अर्थव्यवस्था कैसे और कबतक सुधरेगी? कहा जा रहा है कि इंडस्ट्री को सामान्य होने में एक साल तक का समय लग सकता है। विज्ञापन में कटौती की जा रही है। इस बारे में स्टार इंडिया के चेयरमैन उदय शंकर ने कहा कि कोरोना दौर में टेलिविजन और फिल्म की शूटिंग नहीं हो रही है। इनसे जु़ड़े लोग देश के विभिन्न क्षेत्रों में रहते हैं। कार्य को शुरू करने के लिये प्रवासी श्रमिकों की जरूरत होगी। टेक्निशियन व आर्टिस्ट को वापस आने होंगे। कई प्रकार के कार्य होते हैं जो आसान नहीं होता। जो लोग अपने अपने घर जा चुके हैं उन्हें विश्वास दिलाना होगा कि सब कुछ ठीक है आप आ सकते हैं। उत्पादन, वितरण और इससे जुड़े क्षेत्र में कुछ समय के लिये एक ठहराव सा है। यह मुख्य कारण है कि मीडिया में विज्ञापन की कमी आ रही है।
बड़ी इंडस्ट्रियां भी प्रभावित :
लॉक डाउन की वजह से इंडस्ट्री बंद पड़े हैं। भारत और अमेरिका समेत पूरी दुनिया में बेरोजगारी बढती जा रही है। कंपनियां अपने कर्मचारियों को निकाल रही है। ऐसे विषयों पर चेयरमैन उदय शंकर का कहना है कि कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को निकालना नहीं चाहता है। नौकरी पर इसलिये रखे जाते हैं ताकि उत्पादन अधिक हो और उसे बेचकर लाभ कमाया जा सके। लेकिन लॉकडाउन को लगभग छह हफ्ते हो चुके हैं। इसका प्रभाव सिर्फ छोटे बिजनेस पर नहीं बल्कि बड़े इंडस्ट्री पर भी पड़ रहा है। कमाई न होने की वजह से कई कंपनियों ने स्टाफ की कमी की है। कर्मचारियों को निकालना आखिरी विकल्प होता है। आप इसी से समझ सकते हैं कि गिरफ्तारी का खतरा होने के बावजूद अपने कर्मचारयों को भुगतना करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में समर्थन मिलना जरूरी है। पूरे विश्व में सरकारें आम लोगों की सहायता करने और उनके सैलरी के लिये कदम उठा रही है। अपने देश में प्रत्येक स्तर पर कदम उठाया जाना काफी महत्वपूर्ण है।
लॉकडाउन एक ठहराव नहीं बल्कि एक नई शुरूआत है :
स्टार इंडिया के चेयरमैन उदय शंकर देश के प्रतिष्ठित एडिटर-इन-चीफ रहे हैं। वे कई कठिन से कठिन समय में कार्य करने और संस्थान को समास्याओं से बाहर निकालने में सफलता हासिल की है। उनका व्यक्तित्व सकारात्मक है। लॉकडाउन को लेकर उनका मानना है कि यह बहुत जरूरी था और सफल भी रहा है। अब अर्थव्यस्था की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। हमें यह मानकर चलना होगा कि यह ठहराव नहीं बल्कि एक नई शुरूआत है। इंडस्ट्री के पहले की तरह सक्रिय करना होगा। सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था एक दूसरे से जुड़ी हुई है। हमें सबसे पहले सप्लाई और डिमांड पर काम करने की जरूरत है। लोगों की कमाई बुरी तरह से प्रभावित है। उनके हाथों को पैसे की जरूरत है। हालांकि कि सरकार ने उनकी आर्थिक मदद की है ताकि दैनिक जरूरते पूरी हो सके। लेकिन और ज्यादा किेये जाने की जरूरत है। कई बार ग्राणीण क्षेत्रों का आंकलन तो करते हैं लेकिन शहरी क्षेत्र को भूल जाते हैं जबकि शहरी क्षेत्रों में भी बहुत किये जाने की जरूरत है।
स्टार इंडिया के चेयरमैन उदय शंकर 'डिज्नी इंडिया' के चेयरमैन और 'द वॉल्ट डिज्नी कंपनी', एशिया पैसिफिक के प्रेजिडेंट भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकारों को उद्यमों को विश्वास दिलाने और एक मजबूत माहौल बनाने के लिये ठोस पहल की जरूरत है। सर्वेश्रेष्ठ प्रदर्शन की जरूरत है। यह विश्वास दिलाना होगा कि यदि वे विफल होते हैं तो उनकी देखभाल की जायेगी।
नोट - इनपुट समाचार4मीडिया (samachar4media.com) से।