जनतंत्र बचाने के लिये बीजेपी को रोकना जरूरी था। नहीं तो लोग पूछते कि जब बीजेपी को हटा सरकार बनाने का मौका था तो क्यों नहीं बनाई : कांग्रेस लीडर पृथ्वीराज चव्हाण।

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जनतंत्र बचाने के लिये बीजेपी को रोकना जरूरी था। नहीं तो लोग पूछते कि जब बीजेपी को हटा सरकार बनाने का मौका था तो क्यों नहीं बनाई : कांग्रेस लीडर पृथ्वीराज चव्हाण।

टाइम्स खबर timeskhabar.com

राजनीति की दुनिया में महाराष्ट्र में जिस प्रकार से सरकार बनाने को लेकर दावपेंच खेले गये यह राष्ट्रीय बहस का विषय बना। साथ ही कांग्रेस-एनसीपी का शिवसेना के साथ आना और एक नई समीकरण को लेकर जो संशय बन रही थी उसे साफ किया है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री पृथवीराज चव्हाण ने। क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया के साथ एक इंटरव्यू में कांग्रेस लीडर चव्हाण ने कहा कि बीजेपी शिवसेना गठबंधन टूटने के बाद एक मौका था सरकार बनाने का। और यदि हम नहीं बनाते तो लोग पूछते कि आखिर बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने का मौका आपने क्यों गंवाया? कांग्रेस लीडर चव्हाण ने इस सरकार को बनाने में अहम भूमिका निभाई। 

बीजेपी विपक्ष को खत्म करने पर लगी हुई थी : 

पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर कहा कि इसके महत्वपूर्ण कारण थे। उन्होंने इसके लिये सीधे सीधे बीजेपी लीडर और राज्य के मुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस के निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने जो प्रशासन दिया उसमें कोई वादा पूरा नहीं हुआ। सरकार पूरी तरह विफल रही। इसलिये महाराष्ट्र की जनता ने दोबारा सत्ता नहीं सौंपी।  बात यहां तक सीमित रहती तो एक बात थी लेकिन असली बात यह थी कि चुनाव के दो-तीन महीने पहले देवेंद्र फडणवीस अमित शाह (बीजेपी अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री) से आदेश लिया था या उनका अपना दिमाग था जो भी हो उन्होंने पूरी तरह विपक्ष को तोड़ने में ताकत लगा दी। विपक्षा को खत्म करने की कोशिश हुई।  कांग्रेस-एनसीपी के 35 विधायक व सांसद को तोड़ा गया। इस्तीफे के लिये बाध्य किया गया। दहशत निर्माण किया गया। कॉपरेटिव हो या शिक्षा का क्षेत्र, जो भी संस्थाएं चला रहे थे उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। कईयो को जेल में डाला गया। पैसे का इस्तेमाल हुआ। साम-दाम-दंड-भेद का पूरा उपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि आप इसी से सोचिये जब चुनाव पूर्व ऐसा किया गया और यदि फिर से देंवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते तो क्या कांग्रेस एनसीपी का क्या हाल होता?  क्या कांग्रेस-एनसीपी बची रहती।

 

राज्य में पहली बार तीन दलों की सरकार बनी : 

देर से सरकार बनने और मंत्रिमंडल विस्तार पर कांग्रेस लीडर पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि पहली बार तीन दल साथ आये हैं। दो दलों की सरकार देखी है। 1995 के बाद  पहले शिवसेना-बीजेपी फिर कांग्रेस एनसीपी साथ आये। थोडी दिक्कते होंगी। शिवसेना के साथ पहली बार सरकार बनाये हैं। शिवसेना से मतभेद थे। उन्होंने कहा कि साल 2014 में जब हार गये थे तब भी बात हुई थी कि हम तीनों साथ आ सकते हैं। 2014 में चुनाव बीजेपी ने अपने बूते सरकार बनाई। शिवसेना के नेता विपक्ष के नेता की तरह थे। उस समय इकठ्ठे आ जाते तो बीजेपी को रोक सकते थे। 

स्थानीय निकाय में भी बदलाव होंगे : 

कांग्रेस लीडर पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि स्थानीय निकाय के भी चव्हाण तीनों ही पार्टियां मिलकर लड़ेगी आपसी समझ से। जहां स्थानीय निकाय में बीजेपी है वहां उसे हटाने की कोशिश होगी। हम तीन ही दलों के पास लगभग 50 प्रतिशत वोट है वहीं बीजेपी के पास लगभग 27 प्रतिशत वोट। ऐसे में हमारी गठबंधन का सत्ता में आना तय है। जहां-जहां अंतर्विरोध है, ये साफ बात है कि जहां शिवसेना जीती है वहां शिवसेना का दबदबा है, उनकी ताकत हमसे ज्यादा रही है. कांग्रेस और NCP साथ में थी और उधर शिवसेना-बीजेपी साथ में थी. तो जहां शिवसेना जीती है, वहां उनका असर है. जहां हम जीते हैं, वहां हमारा असर है. जहां-जहां जिस दल के विधायक जीते हैं उनका दबदबा वहां है. अगर हम तीनों साथ में ठीक तरह से चलते हैं, जो मुझे पूरी उम्मीद है तो जिलों में, जहां-जहां महानगर पालिकाओं में, नगर पालिकाओं, जिला परिषदों में आजकल बीजेपी की सत्ता है, हम बीजेपी की सरकार को वहां से निकाल बाहर कर, तीनों मिलकर एक अल्टरनेटिव सरकार बना सकते हैं।

आने वाले सभी चुनाव हम जितेंगे। 

मंत्रिमंडल विस्तार में देरी : 

कांग्रस लीडर चव्हाण ने साफ किया कि यह नई सरकार है। मैं मानता हूं कि मंत्रिमंडल गठन में देरी नहीं होनी चाहिये लेकिन  नई गठबंधन है थोड़ा समय लगता है। कौन कौन मंत्री होंगे किसी पार्टी के पास क्या विभाग होगा। यह सब आसान नहीं है। लेकिन मेरा मानना है जल्द होना चाहिये। इस बार का नागपुर अधिवेशन पांच दिनों का होगा जिसमें राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा और सप्लिमेंटरी बजट रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि किस पार्टी से कितने मंत्री होंगे तय है यह 16-15-12 के फॉर्मूले पर तय है। (अर्थात शिवेसना के 16, एनसीपी के 15 और कांग्रेस के 12 मंत्री होंगे। 

फडणवीस कार्यकाल के प्रोजेक्ट का रिव्यू : 

पू्र्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा कि फडणवीस सरकार के समय इंफ्रा स्ट्रक्चर के क्षेत्र लिये गये  फैसले पर रिव्यू होगा। उन्होंने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर सवाल उठाये। कहा कि सवा लाख के प्रोजेक्ट से किसे फायदा। क्या मुंबई के लोगों ने इसकी मांग की थी। इसके पीछे राजनीतिक हित छिपे हैं। पूरा कांट्रेक्ट जापान को देना गलत है। उन्होंने किसान मसले पर कहा कि किसान कर्ज माफी पर भी रिव्यू होनी चाहिये आखिर क्यों नहीं हो रही है? देवेंद्र फडणवीस की सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस की 80 दिन की सरकार के हर फैसला का रिव्यू होना चाहिए.

जनतंत्र बचाने के लिये बीजेपी को रोकना जरूर था : 

बीजेपी जनतंत्र पर विश्वास नहीं करती। कांग्रेस लीडर चव्हाण ने कहा कि बीजेपी ने विपक्ष को खत्म करने का तरीका अपना लिया था। जनतंत्र की रक्षा के लिये बीजेपी को रोकना जरूरी था। कर्नाटक, गुजरात और गोवा में बीजेपी ने क्या किया यह सामने है। जहां तक राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन का स्वरूप है तो यह दिल्ली नेतृत्व तय करेगी। 

भ्रष्टाचार से बीजेपी की लड़ाई दिखावा : 

बीजेपी भ्रष्टाचार से लड़ने का दिखावा करती है। अजित पवार के साथ 80 घंटे की सरकार से यह साबित हो गया कि भ्रष्टाचरा से लड़ने की इनकी बात कितनी खोखली थी। । पहले आप किसी पर आरोप लगाते हो, फिर उनके चक्की पिसने की बात करते हैं और फिर सरकार बनाने की बात आई तो आप सरकार बनाते हैं। 

बहरहाल कांग्रेस लीडर चव्हाण ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अच्छी नहीं है। बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं पर ध्यान देने होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कई लोगो ऐसे हैं जो इस गठबंधन के साथ आना चाहते हैं।