पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकला मंगलयान।

पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकला मंगलयान।

भारत का ऐतिहासिक और गौरवशाली मिशन मंगल बीती रात यानी 30 नंवबर व 1 दिसंबर की रात कामयाबी की ओर एक पायदान और आगे बढा गया । यह पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकलकर अंतरिक्ष में 300 दिनों के 'लाल ग्रह' के सफर के लिए निकल गया। इसरो ने एक बयान जारी कर बताया कि ट्रांस मार्स इंजेक्शन ऑपरेशन शनिवार आधी रात 00.49 बजे शुरू हुआ।
इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने जटिल ट्रांस-मार्स-इंजेक्शन (टीएमआई) के जरिए इस प्रक्रिया को अंजाम दिया। ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान इस प्रक्रिया के जरिए पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकल कर मंगल की यात्रा पर आगे बढ़ गया।
मिशन के प्रोग्राम डायरेक्टर एम अन्नादुरई इस अभियान को लेकर पहले से आश्वस्त थे। उन्होंने अभियान से पहले बताया था सब कुछ सामान्य है। सब कुछ ठीक चल रहा है। अन्य मिशन की तुलना में टीएमआई एक बहुत जटिल प्रक्रिया है।
टीएमआई एक बड़ी प्रक्रिया है। इसमें अंतरिक्षयान को मार्स ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी में उतने रफ्तार से भेजा जाता है, जितना कि उसे पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से निकालने के लिए जरूरी हो। बता दें कि 5 नवंबर को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी 25 रॉकेट के जरिए लॉन्च किए जाने के बाद से यह अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में है।
इससे पहले देश का पहला मंगलयान बंगाल की खाड़ी में स्थित अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र श्रीहरिकोटा से 5 नवंबर(2013) को 350 टन के रॉकेट की मदद से छोड़ा गया। देश के इस पहले मंगलयान पर कुल 450 करोड़ की लागत आई , जो विश्व में सबसे किफायती मंगल अभियान है।