60 साल बाद कोरियन मिलन।

60 साल बाद कोरियन मिलन।

कोरियाई युद्ध के दौरान अलग हुए परिवार एक बार फिर मिल सकेंगे। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के उस प्रस्ताव पर सहमति जताई है जिसमें दोनों देशों के बीच युद्ध के दौरान अलग हुए परिवारों के एकीकरण की बात कही गई थी। उत्तरी कोरिया के सरकारी मीडिया ने इस बात की पुष्टि की है। एकीकरण के बारे में ताज़ा बयान उत्तर कोरिया की शांतिपूर्ण एकीकरण समिति की ओर से आया है। बयान में कहा गया है, अलग हुए परिवारों और रिश्तेदारों का एकीकरण आने वाले हार्वेस्ट मून डे के मौके पर माउंट कुमगैंग रिसॉर्ट में होगा.”

 

एकीकरण की तैयारी के लिए दोनों देशों के रेड क्रॉस अधिकारियों के बीच 23 अगस्त को माउंट कुमगैंग में बातचीत होगी. साल 1950 से 1953 तक चले कोरियाई युद्ध के अंत में कई परिवार बिछड़ गए थे. दोनों देश तकनीकी रूप से अब भी युद्ध लड़ रहे हैं क्योंकि इस संघर्ष का अंत एक शांति समझौते की जगह युद्धविराम में हुआ था.

 

दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन हे ने पिछले हफ्ते इस एकीकरण के बारे में चर्चा की थी जो कि साल 2010 के बाद से नहीं हो पाया है. उनकी अपील के बाद दोनों देशों के बीच संयुक्त औद्योगिक पार्क को दोबारा खोलने पर सहमति बनी थी.

 

दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में ये सबसे नया प्रयास था. उत्तर कोरिया की सरकार के बयान में ये भी कहा गया है कि माउंट कुमगैंग रिसॉर्ट में सैलानियों की सैर फिर से शुरू होनी चाहिए

 

माउंट कुमगैंग रिसॉर्ट दोनों देशों के बीच पहली बड़ी परियोजना है, यहां 1998 से 2008 के बीच हर साल हज़ारों दक्षिण कोरियाई सैलानी आते थे लेकिन इसे एक उत्तर कोरियाई सैनिक के एक सैलानी की हत्या करने के बाद बंद कर दिया गया था.

 

उत्तर कोरिया की शांतिपूर्ण एकीकरण समिति के बयान में कहा गया है, “केसोंग औद्योगिक क्षेत्र और माउंट कुमगैंग रिसॉर्ट देश के लिए बहुत ही मूल्यवान हैं, इनमें देरी नहीं की जानी चाहिए क्योंकि ये दोनों ही जगह सामंजस्य, एकता और समृद्धि की प्रतीक हैं.”

 

महत्वपूर्ण कदम

 

केसोंग औद्योगिक पार्क में दक्षिण कोरिया की 123 फैक्ट्रियां हैं जिनमें पचास हज़ार से भी ज़्यादा उत्तर कोरियाई श्रमिक काम करते हैं. यह औद्योगिक क्षेत्र उत्तर कोरिया के लिए आमदनी का बड़ा ज़रिया है. उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध और दक्षिण कोरिया और अमरीका के संयुक्त सैन्य अभ्यास से नाराज़ होकर बीते अप्रैल में उत्तर कोरिया ने यहां से अपने मज़दूरों को वापस बुला लिया था। (साभार बीबीसी)