सेना ने राष्ट्रपति पद से हटाया मुर्सी को।

सेना ने राष्ट्रपति पद से हटाया मुर्सी को।

मिस्त्र की सेना ने देश के सवंधान को निलंबित कर राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को पद से हटा दिया और उन्हें नजरबंद कर दिया है। देश की राष्ट्रपति की शक्तियां अब मुख्य न्यायधीश के पास होगी। इस बात की घोषणा सेना के जनरलअब्देल फतह अल-सीसी ने की। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि वह घटना से चितिंत हैं और उम्मीद है कि जल्द जल्द जनता का शासन बहाल होगा। हजारों की संख्या में मुर्सी विरोधी तहरीर चौक पर जश्न मना रहे हैं।

जनरल अब्देल फ़तह अल-सीसी ने कहा कि नए राष्ट्रपति के चुनाव होने तक अंतरिम सरकार का काम मुख्य न्यायाधीश संभालेंगें। मिस्त्र में राष्ट्रपति के खिलाफ काफी समय से विरोध के स्वर उठ रहे थे। राजनीतिक संकट के समाधान के लिए राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी और विपक्ष को दी गई समय सीमा ख़त्म होने के बाद राजधानी काहिरा के कई इलाक़ों में सेना के टैंक तैनात हो गए हैं। सेना सड़कों पर गश्त लगा रही है।

बीबीसी के अनुसार सत्तारूढ़ मुस्लिम ब्रदरहुड ने सेना के क़दम को तख्तापलट की संज्ञा दी है। अपने फ़ेसबुक पेज पर मोहम्मद मुर्सी ने सेना के कदम को तख्तापलट करार दिया है। उनके समर्थकों और पार्टी सहयोगियों ने जनता के विरोध के सामने झुकने से इनकार कर दिया है।

इसबीच अमेरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वह ताज़ा घटनाक्रम को लेकर "बेहद चिंचित" हैं और उन्होंने जल्द से जल्द नागरिक शासन बहाल करने की उम्मीद जताई है। इतना ही नहीं ओबामा ने मिस्र को मिलने वाली अमेरिकी सहायता की समीक्षा करने के लिए भी कहा है।

दूसरी ओर पूरे मिस्र में सरकार और विपक्ष के समर्थकों द्वारा जारी प्रदर्शनों के दौरान रात भर झड़पें जारी रहीं। काहिरा विश्वविद्यालय में हुए प्रदर्शन में कम से कम 16 मुर्सी समर्थकों के मारे जाने की ख़बर है।

राष्ट्रीय टेलीविज़न ने ख़बर दी है कि सेना के राजनीतिक रोडमैप का एलान अल-अज़हर विश्वविद्यालय के शेख करेंगे। उनके साथ इस एलान के दौरान कॉप्टिक चर्च के प्रमुख और विपक्षी नेता मोहम्मद अल बारादेई भी होंगे. अल-अज़हर को मिस्र का सबसे ज़्यादा प्रतिष्ठित इस्लामी संस्थान माना जाता है।

ख़बरें हैं कि तीनों की फ़ौजी नेताओं से बातचीत चल रही है। राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने स्थानीय मीडिया की उन ख़बरों की पुष्टि की है जिसमें योजना के तहत नए राष्ट्रपति और संसद के चुनाव से पहले कुछ वक़्त तक संक्रमण का वक़्त रहने की बात कही गई है।

राष्ट्रपति मुर्सी ने मंगलवार रात टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा कि वह पारदर्शी तरीके से निष्पक्ष चुनाव के ज़रिए देश के राष्ट्रपति चुने गए हैं और वह मरते दम तक अपने संवैधानिक पद की रक्षा करेंगे।

राष्ट्रपति मुर्सी के भाषण के बाद सेना की ओर से सामाजिक मीडिया वेबसाइट फेसबुक पर एक संदेश 'फाइनल ओवर यानी अंतिम घंटे' प्रकाशित किया गया।

मंगलवार को जारी एक बयान में सेना ने संकल्प लिया कि "हम अल्लाह की क़सम खाते हैं कि हम किसी आतंकवादी, चरमपंथी या मूर्ख से मिस्र और उसके लोगों को बचाने के लिए अपना ख़ून भी बहा देंगे।"

महत्वपूर्ण है कि विपक्षी आंदोलन तमारुद यानी विद्रोही ने सोमवार को अल्टीमेटम जारी किया था कि अगर राष्ट्रपति मुर्सी स्थानीय समय के अनुसार मंगलवार की शाम पांच बजे तक सत्ता से अलग नहीं हुए तो उनके खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया जाएगा।

 

(साभार बीबीसी)