सुरेश सिंह की गोली मार कर हत्या -

सुरेश सिंह की गोली मार कर हत्या -

कोयला व्यसायी और कांग्रेस नेता सुरेश सिंह की 7 नवंबर(2011) की रात धनबाद क्लब में गोली मार कर हत्या कर दी गई। सुरेश सिंह के पिता तेज नारायण सिंह ने आरोप लगाया कि उनके बेटे सुरेश सिंह की हत्या शशि सिंह ने की है। इस हत्या कांड में शशि सिंह के अलावा शशि के पिता रामाधीर सिंह और चचेरे भाई संजीव सिंह शामिल है। संजीव सिंह रामधीर से के भतिजे हैं।
हत्या कहां हुई?- सुरेश सिंह की हत्या धनबाद क्लब में रात साढे नौ बजे के आसपास हुई। सुरेश सिंह होटल जिल के मालिक श्याम सुंदर सिंह उर्फ नुनू सिंह के बेटे रोहित कुमार के रिसेप्शन समारोह में शामिल होने के लिये वहां पहुंचे थे। वहीं उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई। उन पर नाइन एमएम के पिस्टल से हमला किया गया। मौके से पिस्टल के छह खोखे बरामद हुए हैं। बताया जाता है कि हमलावरों की संख्या चार थी। सुरेश सिंह पर हमला करने के बाद एक हमलावर को मौके पर ही पकड़ लिया गया। बाकी लोग भागने में सफल रहे। इस गोली बारी में सुरेश सिंह के साथी देवेंद्र सिंह को भी हाथ में गोली लगी।
हत्या से पहले की स्थिति -बताया जाता है कि रिसेप्शन समारोह में शामिल होने के लिये सुरेश सिंह रात सवा आठ बजे धनबाद क्लब पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने लोगों से मुलाकात की। वर-वधू को आशिर्वाद दिया। इस बीच मेहमानों के बैठने वाली जगह लगी कुर्सी पर जाकर वे बैठ गये। सवा नौ बजे के आसपास चार लडके वहां पहुंचे और सुरेश सिंह को घेर लिया। जबतक लोग कुछ समझ पाते हमलावरों ने उनपर गोलियों की बौछार कर दी। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि जब सुरेश सिंह धनबाद क्लब में रिसेप्शन में उपस्थित होकर निकल गये थे तब वे वापस कैसे और क्यों आयें? इस बारे में बताया जाता है कि उस दिन रेलवे इंस्टीच्युट स्थित एक शादी समारोह में सुरेश सिंह को शामिल होना था। इसके लिये बादल गौतम ने सुरेश सिंह को आमंत्रण दिया था। और हत्या वाले दिन धनबाद क्लब के बाहर बादल गौतम की मुलाकात सुरेश सिंह से होती है और दोनो धनबाद क्लब से रेलवे इंस्टीट्यूट स्थित शादी समारोह में शामिल होने के लिये निकल पडते हैं। उनके साथ देवेंद्र सिंह भी थे। बताया जाता है कि देवेंद्र सिंह ने सुरेश सिंह को दोबारा धनबाद क्लब जाने और नुनू सिंह से दो मिनट मिलकर वापस चलने की बात की। जबकि सुरेश सिंह घर जाना चाहते थे। सुरेश सिंह और देवेंद्र सिंह धनबाद क्लब के लिये निकल पड़े। बादल गौतम उनके साथ नहीं आया। रेलवे इंस्टीट्यूट में ही रूक गया।
हत्या के बाद की स्थिति –सुरेश सिंह के पिता तेज नारायण सिंह के अऩुसार रात पौने दस बजे उनके बेटे सुरेश सिंह को घायल अवस्था में उनके घर के गेट पर लाया गया। शोरगुल सुनकर वे गेट पर गये। सुरेश ने मुझे देखकर पानी मांगा और बताया कि उसे सिंह मेशन वाले रामाधार सिंह के पुत्र शशि सिंह ने गोली मार दी। उन्हें पहले जालान होस्पिटल लेकर गये बाद में उन्हें सरायढेला स्थित सेंट्रल होस्पीटल लेजाया गया। वहां कुछ ही समय समय बाद इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
सिंह मेशन पर हंगामा –सुरेश सिंह की हत्या की अधिकारिक घोषणा के बाद उनके समर्थकों ने सिंह मेशन के खिलाफ नारे लगाये। सिंह मेशन जाकर पथराव भी किया। पुलिस के आने के बाद कहीं जाकर मामला शांत हुआ।
बहुत मुश्किल के बाद हो सका पोस्टमार्टम –सुरेश सिंह के समर्थक काफी आक्रोश में थे। बताया जाता है कि धनबाद एसपी रविकांत धान और सुरेश सिंह के पुत्र अजय सिंह(पिंटू) की उसी 7 नवंबर की रात दो बजे फोन पर बातचीत हुई। बीतचीत के बाद अजय सिंह शव के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। जहां बड़ी संख्या में एसपी और डीएसपी समेत पुलिस बल तैनात थे। एसपी धान ने अजय सिंह और अन्य से बातचीत की। एसपी धान ने सुरेश सिंह के पुत्र अजय सिंह से लंबी बातचीत की। और घटना की जानकारी ली। अजय के अलावा एसपी धान ने सुरेश सिंह के अंगरक्षको से भी पूछताछ की।
हत्या का आरोप –हत्या का आरोप रामाधीर सिंह, संजीव सिंह और शशि सिंह के खिलाफ लगाया गया है। मौके से जो हमलावर पकड़ा गया उसका नाम पवन पासवान है। बताया जाता है कि वह शशि का खास आदमी है। पवन सरायढेला क्षेत्र के न्यू कॉलनी का रहने वाला है।
पकड़े गये आरोपी और गवाह का बयान दर्ज -बताया जाता है कि दोनो(देवेंद्र सिंह और पवन पासवान) ने ही पुलिस पूछताछ में बताया कि रामाधीर सिंह के पुत्र शशि सिंह ने ही सुरेश सिंह को गोली मारी। दोनो ने यह बयान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों आइजी, डीआईजी और एसपी के समक्ष घटनाक्रम का ब्योरा दिया। अब पुलिस अधिकारी उनके बयानों के सत्यापन में जुट गई है। आरोपी अपने बयान से पलट नहीं सके इसलिये पुलिस ने दोनो का कोर्ट में धारा 164 के तहत अदालत में बयान दर्ज करवा लिया।
शशि के परिवार वालों का क्या कहना है –घटना के अगले दिन विधायक कुंति सिंह से पत्रकारों ने पूछा कि सुरेश सिंह की ह्त्या कांड में आपके परिवार वालों का नाम सामने आ रहा है। इस पर श्रीमती सिंह ने कहा कि इस तरह का आरोप उनके परिवार के लोगों पर लगना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी प्रमोद सिंह की हत्या के आरोप लग चुके हैं उनके परिवार के उपर। लेकिन जब जांच हुई तो सब कुछ साफ हो गया। श्रीमती सिंह ने कहा कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है। जब उनसे इस बारे में सीबीआई जांच की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि उनके बेटे रंजन (राजीव रंजन सिंह) के बारे में भी सीबीआई जांच की मांग की गई थी लेकिन क्या हुआ? कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि इस हत्या कांड से उनके परिवार के लोगो का कुछ भी लेना देना नहीं है।
बहरहाल इस मामले को लेकर शहर में एक तनाव सा महौल रहा। पुलिस प्रशासन सभी चौकस हैं।