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उत्तर प्रदेश के कानपुर में गैंगेस्टर विकास दुबे ने घात लगाकर पुलिस टीम पर जबरदस्त फायरिंग की जिसमें 8 पुलिस के जवान शहीद हो गये। इनमें सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा भी शामिल हैं। अन्य पुलिस अधिकारी व जवान हैं महेंद्र चंद्र यादव, नेबू लाल, अनूप कुमार सिंह, सुल्तान सिंह, राहुल, जितेंद्र और बबलू। ये वारदात 2 जुलाई की रात की है। यह वारदात हुई कानपुर शहर से लगभग 38 किलोमीटर दूर चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में। इसी गांव का है हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे। लेकिन अभी तक गैंगेस्टर दूबे और उसके शूटरों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। शहीद हुए मृतक पुलिस जवानों के घर पर मातम का माहौल है। परिवार और लोगों में शोक और गुस्सा है। इस फायरिंग में 7 पुलिस के जवान गंभीर रूप से घायल भी हैं। इस मामले में 5 जुलाई की सुबह कानपुर में विकास गिरोह के एक सदस्य दयाशंकर अग्निहोत्री को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार अग्निहोत्री का खुलासा :
- गिरफ्तारी के मामले में विकास को किसी का फोन आया था। इसके बाद विकास ने लगभग 30 लोगों को बुलाया। और पुलिस टीम पर हमले की योजना बनाई। इसी कड़ी में रास्ते में जेसीबी लगाया गया। और सभी लोग घात लगाकर तैयार थे हमले के लिये। विकास ने खुद भी फायरिंग की। आश्चर्य है कि गिरोह के सभी शूटर फरार हो गये। बड़ी संख्या में लोगो पर नजर रखी जा रही है। लोगों के मोबाइल फोन सर्विलांस पर है।
- मारे गये सभी पुलिसकर्मियों के शवों को जलाने की योजना थी, गाड़ी के डीजल से। इसलिये सभी लाशों को एक जगह इकठ्ठी की जा रही थी।
-विकास के गुंडों ने पुलिस के शवों के साथ भी बर्बर्तापूर्ण रवैया अपनाया। सीओ के शव के सर और हाथ-पैर के अंगुलियों तक काट दिये गये।
तात्कालिक मामला क्या है?
गैंगेस्टर विकास दुबे के खिलाफ दर्जनों मामले हैं जिसमें हत्या, लूट, डकैती, अपहरण आदि मामले शामिल हैं। लेकिन तात्कालिक मामला जुड़ा है राहुल तिवारी से। बिकरू गांव के हीं पड़ोसी गांव मोहनी नेवदा के रहने वाले राहुल तिवारी ने 1 जुलाई को विकास दुबे के खिलाफ पुलिस थाने में अपहरण और जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दर्ज करायी। शिकायत के बाद सीओ देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में 20 पुलिस कर्मियों की टीम उसे गिरफ्तार करने 2 जुलाई की रात निकल पड़ी। पुलिस मुवमेंट की खबर विकास को मिल गई। लगता है विकास भागने की वजाय पुलिस पर हमला करने का मन बना चुका था। इसलिये अपने घर से पहले जेसीबी लगाकार रास्ते को ब्लॉक कर दिया। पुलिस टीम पहुंची और जेसीबी की वजह से अपनी गाड़ी को छोड़ पैदल हीं आगे बढने लगी। बताया जाता है कि जेसीबी पार करते हीं घात लगाकर बैठे बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। 50 राउंड से अधिक फायरिंग हुई।
शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी मुख्यमंत्री ने :
घात लगाकर किये गये हमले में 8 पुलिस जवान शहीद हो गये, जिसमें अधिकारी व सिपाही शामिल हैं। उनके नाम हैं - 1. देवेंद्र मिश्रा (सीओ बिल्हौर) 2. महेश चंद्र यादव ( थाना प्रभारी शिवराजपुर) 3. अनुप कुमार सिंह (चौकी इंचार्ज, मंधना) 4. नेबू लाल ( सब इंसपेक्टर) 5. सुल्तान सिंह (सिपाही) 6. राहुल (सिपाही) 7. जितेंद्र (सिपाही) और 8. बबलू (सिपाही)। शहीद हुए पुलिस जवानों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शहीदों को श्रदांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सभी 8 पुलिस जवान के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही शहीदों के प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा प्रदान की जाएगी और आश्रित को असाधारण पेंशन का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषियों को छोड़ा नहीं जायेगा।
विकास दुबे के खिलाफ कार्रवाई :
- गैंगेस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिये पुलिस ने 20 टीमें बनाई हैं और जगह जगह छापेमारी कर रही है।
- गिरफ्तार करने के लिये 3 हजार से अधिक पुलिसकर्मी लगाये गये हैं।
- विकास के परिवार समेत 500 से अधिक लोगों को मोबाइल सर्विलांस पर रखे गये हैं।
- विकास के नजदीकी पुलिस कर्मियों पर भी नजर रखी जा रही है।
- विकास पर एक लाख रूपये के इनाम का ऐलान किया गया है।
- पुलिस ने गांव में बनाये गये किलेनुमा पूरे घर को जेसीबी लगाकर ढाह दिया।
- उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी रेड अलर्ट। वह राजस्थान और मध्य प्रदेश भी जा सकता है।
- आशंका जताई जा रही है कि वह नेपाल भी भाग सकता है।
- इस बीच खबर आई कि वह कोर्ट में सरेंडर कर सकता है। इसकी खबर मिलते हीं पुलिस पूरे कोर्ट को अपनी निगरानी में ले लिया।
पुलिसकर्मी भी शक के दायरे में :
सवाल उठ रहे हैं कि आखिल गैंगेस्टर विकास को किसने खबर दी कि उसे गिरफ्तार करने के लिये पुलिस टीम पहुंचने वाली है। अंदेशा है कि निश्चित तौर पर हीं पुलिस विभाग के हीं किसी कर्मी ने विकास को इस बात की जानकारी दी होगी। इस बीच खबर है कि चौबेपुर के एसओ विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है और स्पेशल टास्क फोर्स उससे पूछताछ कर रही है। एसटीएफ को शक है कि विनय तिवारी ने मुखबिरी की होगी। क्या इसमें और लोग भी शामिल हैं। अधिक से अधिक जानकारी के लिये मोबाइल के डिटेल्स निकाले जा रहे हैं।
विकास से जुड़ी चर्चाएं :
- पुलिस टीम पर हमला करने के बाद उसके असलहे भी लूट कर ले गये जिसमें एक ए.के47 भी है।
- कहा जा रहा है कि विकास अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखता है।
- उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड बन चुका विकास भेष बदलनें में माहिर है।
- अपनी सुरक्षा में लगाये सीसीटीवी सिस्टम भी लेकर फरार।
- विकास मध्य प्रदेश के राजू खुल्लर की बहन से प्रेम विवाह किया था। राजू भी हिस्ट्रीशीटर है और मध्य प्रदेश में रहता है।
- बीएसपी के शासन काल में उसकी तूती बोलती थी। विकास ने जमीनों के अवैध खरीद फरोख्त कारोबार से काफी पैसा कमाया।
- बिठूर में ही उसके स्कूल, कॉलेज और एक लॉ कॉलेज भी है।
- वे जेल में रहते हुए नगर पंचायत का चुनाव जीता था। बीएसपी से मजबूत संबंध रहे हैं।
विकास दुबे के माता-पिता :
जिस घर को ढाह दिया गया उसी घर में उनके पिता भी रहते थे। पिता का कहना है कि वारदात के बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं। उस रात क्या हुआ कुछ भी नहीं मालूम। जो भी कहना होगा अदालत में कहेंगे। मां सरला देवी ने कहा कि उन्हें बताया गया कि ये वारदात विकास ने की है। यदि उसने की है तो उसे मार डालो। दूसरे की आत्मा दुखी की है उसे भी मार दिया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि विकास पहले ऐसा नहीं था। इसे पढाया लिखाया। पीपीएन कॉलेज में पढाया। नेवी व एयरफोर्स में नौकरी भी लग रही थी लेकिन उसे गांव वाले और राजनीति ने बर्बाद कर दिया। ये पहले भारतीय जनता पार्टी मे रहा। बीएसपी में गया फिर सपा में गया ....। विकास की माता जी ने कहा कि उसने गलत किया है। अच्छा होगा सरेंडर कर दे। उसे पहले पकड़ो फिर मार दो। गलत किया है उसने।
विकास का आपराधिक इतिहास :
गैंगेस्टर विकास दुबे का लंबा आपराधिक इतिहास है। वे राजनीतिक पार्टी से भी जुड़े रहे। कांग्रेस छोड़ उत्तर प्रदेश के तमाम राजनीतिक दलों से जुडे कभी बीजेपी से तो कभी बसपा से तो कभी सपा से। उसके खिलाफ 60 से ज्यादा केस हैं।
- साल 2001 में विकास ने पुलिस थाने के अंदर घुसकर राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त नेता संतोष शुक्ला की हत्या कर दी। विकास का इतना दबदबा था कि पुलिस वाले भी गवाही देने की हिम्मत नहीं जुटा पाये। पूरे प्रदेश को हिला देने वाले वारदात में वह सबूत के अभाव में बरी हो गया।
- राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या से पहले साल 2000 में कानपुर के ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या का आरोप। इसमें नामजद हैं।
- साल 2000 में हीं रामबाबू की हत्या की साजिश रचने का आरोप। बताया जाता है कि यह साजिश उन्होंने जेल में रहते हुए किया।
- साल 2004 में केबल कारोबारी दिनेश दुबे की हत्या का आरोप।
- साल 2018 में विकास ने अपने चचरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला करवाया। अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड :
उत्तर प्रदेश सरकार समय समय पर टॉप -25 अपराधियों की सूची जारी करती है। योगी सरकार ने भी जारी किया लेकिन इसमें विकास दुबे का नाम नहीं था लेकिन 2 जुलाई की रात की वारदात ने विकास को मोस्ट वांटेड बना दिया है। पूरे राज्य की पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। जो लोग मोस्ट वांटेड की सूची में थे उनके नाम हैं : बृजेश सिंह (अरूण कुमार सिंह), सुभाष सिंह ठाकुर, ध्रुव सिंह, मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, त्रिभुवन सिंह, बबलू श्रीवास्तव (ओम प्रकाश), खान मुबारक,मोहम्मद रुस्तम, सुंदर भाटी, अनिल भाटी, राज भाटी, अंकित गुर्जर,अजीत उर्फ हप्पू , मोहम्मद सलीम, मोहम्मद शोहराब, उमेश राय ( गौरा राय), संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, आकाश जाट, ऊधम सिंह, योगेश भदौड़ा, अनिल दुजाना (अनिल नागर), अमित कसाना, मुनीर और सुशिल।
कानपुर में हुए इस वारदात के बाद पुलिस-प्रशासन के साथ साथ योगी सरकार पर भी सवाल उठने लगे हैं। अब यह कहा जाने लगा है कि जो सरकार अपनी पलिस की रक्षा नहीं कर सकती वह क्या आम जनता क्या रक्षा करेगी। अब देखना है कि पुलिस गैंगेस्टर विकास को गिरफ्तार कर पाती है या नहीं।