टाइम्स खबर timeskhabar.com
चीन की विस्तारवादी मानसिकता की वजह से एक बार फिर भारत और चीन रिश्ते बेहद खतरनाक मोड़ पर आ गया है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी सीमा पर दोनो देशों के बीच हुए झड़प में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गये। बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। इससे पहले तीन योद्धा के शहीद होने की खबर थी। इस झड़प में 40 से अधिक चीनी सैनिक हताहत हुए है। और कई मार गये। कितने मारे गये हैं इस बारे में अभी पता नहीं चला है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने 6 जून को बनी सहमति का पालन नहीं किया और 15 जून की शाम चीनी सेना ने यथास्थिति को बदलने की कोशिश की, जिसको लेकर दोनों पक्षों में झड़प हुआ। केंद्र की मोदी सरकार हालात पर नजर बनाये हुए हैं।
इस मामले को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक महत्वपूर्ण बैठक की जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों शामिल थे। बैठकों का सिलसिला जारी है। हालात से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद को अवगत करा दिया गया है।
इससे पहले साल 1975 में अरूणाचल प्रदेश स्थित एलएसी (LAC)पर धोखे से हमला किया था जिसमें चार भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे। 1975 से लेकर 14 जून 2020 तक दोनो देशों की सेनाओं के बीच कई बार झड़पे हुई लेकिन कभी किसी की जान नहीं गई। लेकिन चीन के धोखेबाजी ने 15 जून के सारी सीमाएं पार कर दी।
भारत में चीन के हमले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। देश के अंदर चीन के खिलाफ गु्स्सा बढता जा रहा है।