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कोरोना संकट ने भारत समेत पूरे विश्व के लिये संकट खड़ा कर दिया है। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने दूसरे दिन यानी 14 मई को राहत पैकेज के ब्रेक अप को बताया । उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्धारा किये गये 20 लाख करोड़ पैकेज के ब्रेक के संदर्भ में विस्तार से बताया। बीते वित्त वर्ष में न्यूनतम मजदूरी 182 रुपए से बढ़कर 202 रुपए किया गया है। उनके इस घोषणा में प्रवासी मजदूर और छोटे छोटे किसान सहित कुल 9 घोषणाएं की जो निम्नलिखित है -
प्रवासी श्रमिकों को अगले दो महीने तक मुफ्त राशन :
एक अनुमान के मुताबिक लगभग 8 करोड़ प्रवासी श्रमिक हैं। इनके लिये पांच किलो गेंहू या चावल और एक परिवार को 1 किलो चना दिया जायेगा। इस नये प्रबंध के तहत उन्हें भी मुफ्त में अन्नाज दिया जायेगा जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत नहीं आते हैं। इसके लिये 3500 करोड़ की व्यवस्था है जो राज्य सरकारो को खर्च करने हैं। दो महीने तक मुफ्त अन्नाज देने की योजना है।
कम किराये पर श्रमिकों को मकान :
प्रवासी श्रमिकों और शहर के गरीबों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऐसी स्कीम लेकर आने वाली जिससे श्रमिक को कम किराये पर मकान मिल सके। इसके लिये पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिये सरकार के फंडिंग वाली हाउसिंग स्कीम को इस स्कीम में बदला जायेगा। इसके लिये इससे जुड़े मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और संस्थानों को भ इंसेंटिव दिये जायेंगे ताकि वे अपनी जमीन पर काम करने वाले श्रमिकों को किराये का मकान दे सके। इसलिये अभी कोई सीमा निर्धारित नहीं है।
एक देश एक राशन कार्ड :
श्रमिक काम के सिलसिले में एक राज्य से दूसरे राज्य जाते रहते हैं। इसे देखते हुए सरकार की कोशिश है कि एक देश एक राशन कार्ड हो यानी एक राज्य बने राशन कार्ड के आधार पर दूसरे राज्य में भी अन्नाज लिया जा सकेगा। मार्च 2021 से इस योजना को लागू किया जायेगा। लेकिन इससे पहले इसी साल अगस्त तक 23 राज्यों में 67 करोड़ गरीबों को राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी का फायदा मिलेगा। इस तरह अगस्त तक पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम का फायदा उठाने वाली 83% आबादी एक देश-एक राशन कार्ड के दायरे में आ जाएगी।
मुद्रा ऋण लेने वालों को थोडी राहत :
लॉक डाउन की वजह से सबसे ज्यादा तकलीफे छोटे छोटे कारोबारियों को उठाना पड रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार उन्हें कर्ज में 2 प्रतिशत छुट देगी। वे व्यापारी जिन्होंने 50 हजार तक के कर्ज ले रखे हैं उन्हें 2 प्रतिशत ब्याज की छुट देगी। सरकार ने इसके लिये 1500 करोड़ का प्रावधान किया है। और जो व्यापारी समय पर ऋण चुका रहे हैं उन्हें एक साल तक ब्याज में 2 प्रतिशत की रियात दी जायेगी।
होम लोन पर सब्सिडी :
जिनकी सालाना आमदनी 6 लाख से 18 लाख रूपये तक है इन्हें ब्याज में छुट दी जायेगी। यह स्कीम साल 2017 में मिडिल इनकम ग्रुप लोगों के लिये लाई गई सब्सिडी योजना का हिस्सा है। यह योजना 31 मार्च 2020 तक के लिये थी। इसे एक साल और जारी रखा जायेगा।
स्ट्रीट वेंडर्स के लिये 5 हजार करोड़ की योजना :
बताया जाता है कि देश में 50 लाख से ज्यादा वेंडर्स हैं। सरकार इन्हें स्पेशल क्रेडिट के तहत 10 हजार रूपये मुहैया करायेगी। यदि वेंडर्स अपने पैसे चुकाते हैं और उनका रिकॉर्ड अच्छा रहता है तो उनकी लिमिट और बढा दी जायेगी। इसके लिये सरकार ने 5 हजार करोड़ रूपये की योजना बनाई है।
2 लाख करोड़ के पैकेज किसानों के लिये :
देश में लगभग ढाई करोड़ किसान, पशु पालक और मछुआरे हैं। इन्हें कम दर पर ब्याज देने की योजना है बनाई है सरकार ने। उन्हें यह लाभ किसान क्रेडिट कार्ड के तहत दिये जायेंगे। ये कबतक दिया जायेगा यह साफ नहीं है। इसके लिये सरकार ने 2 लाख करोड़ के पैकेज बनाए हैं। बताया जाता है कि सीमांत किसानों की संख्या लगभग 3 करोड़े हैं। सरकार इन्हें नाबार्ड की मदद से ग्रामीण सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से से रूपये मुहैया करायेगी। कब तक मिलेगा तय नहीं।
ट्राइबल रोजगार योजना :
आदिवासी समुदाय के लिये रोजगार के अवसर अधिक हों इसके लिये सरकार ने 6000 करोड़ के पैकेज निर्धारित किये हैं। इसके तहत जंगलों व वन्यजीवों की हिफाजत करने वाले, पौधे और मिट्टी संरक्षण जैसे क्षेत्रों में काम दिये जायेंगे.
बहरहाल, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आज की घोषणाएं विशेष रूप से हमारे किसानों और प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज की घोषणाएं विशेष रूप से हमारे किसानों और प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करेगा. घोषणाओं में प्रगतिशील उपायों की एक श्रृंखला शामिल है और खाद्य सुरक्षा, किसानों के साथ-साथ स्ट्रीट विक्रेताओं को भी बढ़ावा मिलेगा।'