कोरोना प्रकरण : आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ रूपये का ऐलान किया। कहा कुल जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत है।

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कोरोना प्रकरण : आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ रूपये का ऐलान किया। कहा कुल जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत है।

टाइम्स खबर डेस्क, timeskhabar.com

कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन और लॉकडाउन की वजह से उत्पन्न आर्थिक संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत 20 लाख करोड़ रूपये पैकेज का ऐलान किया। और कहा कि यह 20 लाख करोड़ रूपये देश के कुल जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत है। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बारे में चरणबद्ध तरीके से ब्योरा देंगी।  

इस संकट के दौरान उन्होंने चौथी बार देश को संबोधित किया है। और निम्नलिखित बातें कहीं : 

 अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिये 20 लाख करोड़ : 

- कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। ये आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर , भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। 

- हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं और जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो पूरा पैकेज 20 लाख करोड़ रु का है। ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।

- आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति देगा 20 लाख करोड़ रु का आर्थिक पैकेज।

- ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। 

- ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे MSME के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। 

- आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में Land, Labour, Liquidity और   Laws, सभी पर बल दिया गया है। 

- इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा। 

 

आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पाँच Pillars पर खड़ी होगी :

1. पहला पिलर Economy, एक ऐसी इकॉनॉमी जो Incremental change नहीं बल्कि Quantum Jump लाए।

2. दूसरा पिलर Infrastructure, एक ऐसा Infrastructure जो आधुनिक भारत की पहचान बने।

3. तीसरा पिलर-हमारा System- एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली Technology Driven व्यवस्थाओं पर आधारित हो।

4. चौथा पिलर- हमारी Demography- दुनिया की सबसे बड़ी Democracy में हमारी Vibrant Demography हमारी ताकत है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है। 

5. पाँचवाँ पिलर- Demand- हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है, जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना महामारी को लेकर कहा कि ये संकट इतना बड़ा है कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं हिल गई हैं। लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमने देश ने हमारे गरी भाई-बहनों की संघर्ष-शक्ति,उनकी संयम-शक्ति का भी दर्शन किया है।

- आत्मनिर्भरता, आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है।आत्मनिर्भरता,ग्लोबल सप्लाई चेन में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देश को तैयार करती है। 

- अब Reforms के उस दायरे को व्यापक करना है, नई ऊंचाई देनी है। ये रिफॉर्मस खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन में होंगे, ताकि किसान भी सशक्त हो और भविष्य में कोरोना जैसे किसी दूसरे संकट में कृषि पर कम से कम असर हो। 

- आपने भी अनुभव किया है कि बीते 6 वर्षों में जो Reforms हुए, उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम, अधिक समर्थ नज़र आईं हैं

- आत्मनिर्भरता हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है।

- आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है। न सिर्फ लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है।

- बीते 6 वर्षों में जो रिफॉर्म्स हुए, उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम, अधिक समर्थ नज़र आईं हैं।

- आज हमारे पास साधन हैं, हमारे पास सामर्थ्य है, हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है।  हम बेस्ट प्रोडक्ट्स बनाएंगे, अपनी क्वालिटी और बेहतर करेंगे, सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे।

- हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, कोई राह मुश्किल नहीं।

- जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख पीपीईऔर 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं

-जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं। इन कदमों से दुनिया भर में भारत की

भूरि-भूरि प्रशंसा होती है, तो हर भारतीय गर्व करता है।

- जो पृथ्वी को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारत भूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है।

- भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता। भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है।

- जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है।

- कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं:एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। 

- यह संकट अकल्पनीय है लेकिन टूटना-थकना मानव का स्वाभाव नहीं। हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है।

बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंत मे देश को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत का ये युग, हर भारतवासी के लिए नूतन प्रण भी होगा, नूतन पर्व भी होगा। अब एक नई प्राणशक्ति, नई संकल्पशक्ति के साथ हमें आगे बढ़ना है। उन्होंने लॉकडाउन को लेकर कहा कि  लॉकडाउन-4 नए रंगरूप वाला होगा, इसके नियम नए होंगे जो 18 मई से पहले बता दिए जाएंगे।