महाराष्ट्र : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरजेडी विधायक सरोज यादव से बातचीत के दौरान संकट में फंसे श्रमिकों के मोबाइल नंबर व पते खुद लिखे और मदद की।

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महाराष्ट्र : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरजेडी विधायक सरोज यादव से बातचीत के दौरान संकट में फंसे श्रमिकों के मोबाइल नंबर व पते खुद लिखे और मदद की।

टाइम्स खबर timeskhabar.com

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इन दिनों सुर्खियों में है, संकट में फंसे श्रमिकों के मदद के लिये। इस मामले में किसी प्रोटोकॉल की भी प्रवाह नहीं करते। वे खुद हीं कार्य कर लेते हैं। दरअसल राजधानी मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई इलाकों में दूसरे राज्यों के श्रमिक कार्यरत हैं। इनमें बिहार के भी मजदूर बड़ी संख्या में है। वे भी लॉकडाउन की वजह से यहां फंसे हुए हैं। इन्हीं श्रमिको को लेकर विधायक सरोज यादव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बातचीत कर श्रमिको की मदद के लिये आग्रह किया और मुख्यमंत्री उद्धव ने भी हर संभव मदद करने की बात कही। आगे जानने से पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बिहार से आरजेडी विधायक सरोज यादव के बातचीत के अंश को देखिये : 

विधायक  - सर नमस्कार। सीएम ‌साहब बोल रहे हैं?

मुख्यमंत्री - जी, बोलिए, "उद्धव" बोल रहा हूं।

विधायक - सर, मैं बिहार से आरजेडी विधायक सरोज यादव बोल रहा हूं। मेरे यहां के कुछ लेबर आपके यहां दो-तीन जगह फंस गए हैं। उन लोगों के पास खाने को भी पैसा नहीं है।

मुख्यमंत्री - आप चिंता न करें, सिर्फ़ जगह बोल दें। .... उन सभी के पत्ते और मोबाइल नंबर लिखवा दें जिससे उनके पास पहुंचा जा सके। 

विधायक - ............

मुख्यमंत्री - ............

बातचीत में यहां तीन बातें काफी महत्वपूर्ण है। पहला, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे काफी विनम्रता से बातचीत करते हैं। दूसरा, वे खुद लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों के नाम, पते और मोबाइल नंबर  लिखते हैं और तीसरा, मालूम चला कि श्रमिकों को समय पर मदद कर दी गई। आम तौर पर मुख्यमंत्री तो छोड़िये एक मंत्री को भी कुछ नोट करना होता है तो वे अपने कर्मचारी से कह देतें हैं लेकिन यहां मुख्यमंत्री ने खुद हीं श्रमिकों के नाम, मोबाइल नंबर और एड्रेस नोट किये। वो भी काफी विनम्रता के साथ। उनकी शालीनता की चर्चा हर जगह हो रही है। 

बहरहाल, शिवसेना लीडर व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एक आदर्श लीडर के रूप में जाने जाते हैं। उनकी छवि एक नेक इंसान और जमीन से जुड़े नेता के रूप में है। कोरोना महामारी को लेकर वे संघंर्षरत हैं और हर संभव कोशिश कर रहे हैं मरीजों की मदद के साथ साथ उनके राज्य में कोई भूखा न रहे।