कोरोना वायरस की वजह से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित। आर्थिक मजबूती के लिये वरिष्ठ पत्रकार दीपक ने भी आर्थिक योगदान दिया प्रधानमंत्री कोष में।

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कोरोना वायरस की वजह से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित। आर्थिक मजबूती के लिये वरिष्ठ पत्रकार दीपक ने भी आर्थिक योगदान दिया प्रधानमंत्री कोष में।

टाइम्स खबर timeskhabar.com

 कोरोना की वजह से देश इस समय संकट की दौर से गुजर रहा है। इसमें आर्थिक तंगी शामिल है। देश को आर्थिक मजबूती देने के लिये देश के पत्रकार भी सामने आ रहे हैं। उन्हीं में से एक है  

देश के प्रतिष्ठित व वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया। उन्होंने कोरोना के खिलाफ जारी जंग में परिवार के हर सदस्य के साथ आर्थिक योगदान दिया।  कितनी आर्थिक मदद की इसकी जानकारी तो नहीं लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ पत्रकार दीपक का आभार भी व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। जवाब में दीपक ने भी प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। दीपक वर्तमान में न्यूज चैनल न्यूज-नेशन के कंसल्टिंग एडिटर हैं। 

#PMCaresFunds में आर्थिक योगदान सिर्फ दीपक ने हीं नहीं बल्कि उनकी पत्नी अनसुइया और दोनो पुत्रियां आलोकिता और अलंकृता ने भी योगदान दिया है। आलोकिता जहां 9 साल की हैं वहीं छोटी पुत्री 5 साल की। दोनो के नाम पर जो बतौर पॉकेट मनी जमा किये गये थे वे  #PMCARES फंड में जमा करा दिये गये। उनका अन्य सबसे अलग और अहम योगदान है।  

आईये जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में क्या लिखा -  "Great to see people and institutions from various domains contribute enthusiastically to PM-CARES fund. United against every adversity! Gratitude to Team @bhel_india, Team @licindiaforever, @DChaurasia2312 for contributing to PM-CARES".

प्रधानमंत्री के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए वरिष्ठ पत्रकार दीपक ने ये संदेश लिखे -   "धन्यवाद @narendramodi जी, मैंने अपनी पत्नी अनसुइया और बेटियों के साथ मिलकर एक छोटा सा योगदान दिया है। बेटी आलोकिता (9) और बेटी अलंकृता (5) ने अपनी पॉकेट मनी और परिवार से मिलें उपहारों को #PMCaresFunds में दिए है। इस लड़ाई में देश का बच्चा बच्चा आपके साथ खड़ा है।" 

वरिष्ठ पत्रकार दीपक देश के एक मात्र ऐसे पत्रकार हैं जिनकी लोकप्रियता सिर्फ शहरों में नहीं बल्कि दूरदराज गांवों में भी है। वे न्यूज चैनल पर अपनी बातों को तथ्यों के साथ रखते हैं। कहा जाता है कि कोई स्टोरी करनी हो या न्यूज चैनल पर किसी विषय पर अपनी बात रखनी हो तो उसके लिये वे काफी रिसर्च कार्य करते हैं। 

बहरहाल, कोरोना वायरस के घातक प्रहार से बचने का एकमात्र उपाय है अपने आपको घर में बंद रखना। इसलिये सरकार ने मजबूरीवश लॉकडाउन का निर्णय लिया कि ताकि लोगो के जीवन को बचाया जा सके।