झामुमो स्थापना दिवस : हमारे खनिज से पूरा देश रोशन है लेकिन यहां के लोगों के साथ न्याय नहीं। अब ऐसा नहीं चलेगा - मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।

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झामुमो स्थापना दिवस : हमारे खनिज से पूरा देश रोशन है लेकिन यहां के लोगों के साथ न्याय नहीं। अब ऐसा नहीं चलेगा - मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।

राजेश कुमार,  टाइम्स खबर timeskhabar.com

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इन दिनों बतौर मुख्यमंत्री यानी एक प्रशासक के साथ साथ एक क्रांतिकारी नेता के रूप में सक्रिय हैं, जो राज्य के विकास के साथ साथ यहां के लोगों को न्याय दिलाने के लिये आतुर हैं। देश के कोल-केपिटल के नाम से चर्चित धनबाद जिले में आयोजित झाममो-दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सोरेन ने बीजेपी और केंद्र दोनो को ही निशाना बनाया। और कहा कि केंद्र सरकार निजीकरण के तहत सार्वजनिक कंपनियां भी बेच रही हैं। रेलवे और बीएसएनएल को बेचा जा रहा है। एक षडयंत्र के तहत आरक्षण को खत्म किये जाने की कोशिश की जा रही है। 

आरक्षण खत्म करने की साजिश : 

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि रेलवे और बीएसएनएल जैसी कंपनियों का निजीकरण किया जा रहा है। बेचा जा रहा है। एक तरह से आरक्षण खत्म किया जा रहा है। देश की बड़ी आबादी को नौकरियों से वंचित करने की कोशिश है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर आरक्षण नहीं दिया गया तो राज्य से कोयला और लोहा नहीं दिया जायेगा। जमीने भी नहीं दी जायेगी।

 जमीन घोटालेबाजों को चेतावनी :

झामुमो लीडर सोरेन ने धनबाद जिले के रणधीर-वर्मा स्टेडियम में आयोजित झामुमो दिवस (4 फरवरी) पर एक सभा को संबोधित करते हुए जमीन के दलालों के बड़ी चेतावनी दी और कहा कि यहां जमीन घोटाले की काफी शिकायते आ रही है। दलाल और जमीन घोटाले में शामिल अधिकारी जेल जाने को तैयार रहें। उनसे पैसे भी वसूल किये जायेंगे। यहां जो भी कंपनियां कार्यरत है वे ईमानदारी से अपना भुगतान करें और लोगों को रोजगार दें। कोल कंपनियों ने नियम बना रखा है कि जब एक एकड़ जमीन अधिग्रहण होगा तब ही नौकरी दी जायेगी। लेकिन अब इस मनमाना कानून में बदलाव करने होंगे। उन्होंने कहा कि यदि एक डिसमल भी जमीन जाता है तो कंपनियों को नौकरी देने होंगे। यदि ऐसा नहीं किया गया तो खदाने बंद कर दी जायेगी। 

राज्य का खजाना खाली :

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बनने के बाद भी राज्य को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। पहले की सरकार ने राज्य की आर्थिक स्थिति एकदम खराब कर दी है। झारखंड खनिज संपदा के मामले में समृद्ध राज्य है लेकिन धन संग्रह करने की पूरी ताकत केंद्र सरकार ने अपने हाथ में ले रखी है। राज्य का पूरा खजाना खाली है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अब पहले अपने राज्य के लोगों के हितो का ध्यान रखेगी। उसकी जरूरतों को पूरा करेगी। इसके लिये केंद्र से संघंर्ष करना पड़े तो संघर्ष भी किया जायेगा। झारखंडियों को उनका हक हर हाल में मिलना ही चाहिये। इसकी शुरूआत हो चुकी है। 

मुख्यमंत्री सोरने ने और भी महत्वपूर्ण ऐलान किये : 

- बुजुर्गों को भी रोजगार से जोड़ा जायेगा ताकि उन्हें किसी पर आश्रित होना न पड़े। 

- राज्य की छात्राओं के लिये स्कूली और तकनीकी शिक्ष मुफ्त करने पर कार्य किया जायेगा। 

- धान के सरकारी मूल्यों में वृद्धि करने की कोशिश की जायेगी। 

- साग-सब्जियों के मूल्यों का भी निर्धारण करने की कोशिश की जायेगी। 

- सभी जिलो में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की जायेगी। 

 

झामुमो के 48वें स्थापना दिवस के  मौके पर गुरूजी शिबू सोरेन ( झामुमो अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री) ने सभी को अनेक-अनेक बधाई एवं धन्यवाद दिया। इस बार के स्थापना दिवस पर एक तरह से जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोगों में जबरदस्त उत्साह रहा। झामुमो लीड बसंत सोरेन ने  झामुमो धनबाद जिला समिति के हर एक कार्यकर्ता का दिल से आभार व्यक्त किया इस समारोह को सफल बनाने के लिए। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि  हमारे खनिज से पूरा देश रौशन है लेकिन झारखंड के लोग ही दिक्कत में हैं। अब यहां  और भूखमरी अब नहीं चलेगी। हमें हमारा वाजिब हक़ देना होगा झारखंडियों की समग्र विकास के लिए।

बहरहाल, बताया जा रहा है कि केन्द्र की कोयला व लोहा कम्पनियों पर झारखंड का क़रीब 50,000 करोड़ रू० बकाया है। इसका निर्धारण कॉमन कॉज मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हुआ है। नोटिस देने के बाद भी झारखंड का यह बकाया कम्पनियाँ नहीं चुका रही हैं।पिछली सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया। यह तो एक मामला है। यदि सिर्फ झारखंड का अपना हक दे दिया जाये तो झारखंड पूरे देश का सबसे अधिक संपन्न राज्य होगा। मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि इससे हमारे लोगों को पलायन भी नहीं करना पड़ेगा।