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बीजेपी लीडर और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि एनसीपी लीडर अजित पवार ने भरोसा दिलाया था कि एनसीपी के सभी 54 विधायक उनके साथ हैं। यहां तक कि अजित पवार ने कुछ विधायकों से मेरी बातचीत भी कराई। और उन सभी ने बीजेपी के साथ आने की बात कही। इतना हीं नहीं अजित पवार ने यह भी कहा था कि इस बारे में उन्होंने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से भी बातचीत कर ली है।
बीजेपी लीडर फडणवीस ने कहा कि एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार ने खुद मुझसे संपंर्क किया और कहा कि एनसीपी कांग्रेस के साथ जाना नहीं चाहती। तीन पार्टियों की सरकार नहीं चलाया जा सकता। राज्य में स्थिर सरकार देने के लिये हम बीजेपी के साथ आने के लिये तैयार हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवसी ने इस बात को स्वीकार किया कि यह दांव उल्टा पड़ गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस प्रकरण से जुड़े और मामले जल्द ही सामने आयेगें। दरअसल बीजेपी गठबंधन से अलग हो चुकी शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में जुट चुकी थी। 23 नवंबर को राज्यपाल से मिलने वाले थे लेकिन अचानक 23 नवंबर की सुबह बीजेपी लीडर देवेंद्र फडणवीस ने बतौर मुख्यमंत्री और एनसीपी लीडर अजित पवार ने बतौर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।
लेकिन 80 घंटे के अंदर ही साफ हो गया कि अजित पवार के साथ विधायक नहीं हैं। सभी एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के साथ हैं। और आखिरकार अजित पवार भी उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर वापस चले गये।