अदभूत नजारा शूक्र की छाया सूर्य पर।

अदभूत नजारा शूक्र की छाया सूर्य पर।

भारत समेत लगभग पूरी दुनिया ने आज एक अदभूत खगोलीय नजारा देखा। शुक्र ग्रह सूर्य और पृथ्वी के बीच से धीरे धीरे गुजरा। यानी पृथ्वी, शुक्र और सूर्य तीनों एक ही रेखा में आ गये। इस कारण सूर्य पर शुक्र की छाया काफी समय तक बनी रही। एक छोटी सी बिंदी काले धब्बे की तरह दिखा । अब यह अदभूत खगोलीय नजारा 105 साल बाद यानी सन 2117 में देखा जा सकेगा।

भारत में शुक्र के इस पारगमन का अदभूत नजारा सुबह 5 बजकर 22 मिनट पर दिखना शुरू हुआ। और सुबह के 10 बजकर 22 मिनट तक दिखता रहा। इस अदभूत नजारे को वैज्ञानिकों के लिये बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वैज्ञानिक इस बात की जांच कर सकते हैं कि जब शुक्र का पारगमन हो रहा था उस दौरान सूर्य से पृथ्वी पर आने वाली सूर्य प्रकाश कैसी थी। उसके तापमान में कोई अंतर पड़ा या नहीं।

इस अदभूत खगोलीय नजारे को कैमरे में कैद करने के लिये न्यूज चैनलों ने विशेष तैयारियां की गई थी। इसे कवर करने के लिये टीवी न्यूज चैनलों ने भी विशेध तैयारियां कर रखी थी। वे लाइव तस्वीरें दिखा रहे थे। साथी नासा से जारी चित्रों को भी वे दिखा रहे थे। इससे पहले इस तरह के नजारे साल 2004 में दिखा था।

शुक्र के नजारे कब दिखते हैं –

अभी तक अध्यन के अनुसार ये नजारे इस तरह के खगोलीय नजारे 8 साल और 121 साल तथा 8 साल और 105 साल के अंतराल पर दिखते हैं। इस तरह की घटनायें अभीतक 7 बार ही देखा जा सका है। सबसे पहले टेलिस्कोप के जरिये इसे 1631 में देखा गया। इसके बाद , 1639, 1761, 1769, 1874 , 1882 और 8 जून 2004 को देखा गया।

विज्ञान और अंधविश्वास –

विज्ञान में इस तरह की घटनाओं को शुद्द रूप से खगोलीय घटना माना जाता है। लेकिन धार्मिक प्रवृति के लोग इसे अलग हीं रूप में देखते हैं। धार्मिक प्रवृति के लोगो का मानना है कि कुछ अनहोनी हो सकती है। साल 2004 में शुक्र पारगमन के समय भारत, थाइलैंड और इंडोनेशिया में सुनामी आई थी।