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राष्ट्रीय पहचान रखने वाल महाराष्ट्र के ओबीसी लीडर और केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत गोपीनाथ मुंडे (दिवंगत) की पुत्री पंकजा मुंड इन दिनों राजनीतिक सुर्खियों में हैं। उन्होंने जो ट्वीट किया है उसको लेकर यह कयास लगाये जा रहे हैं कि वे बीजेपी छोड़ सकती हैं। वहीं प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने उनके बीजेपी छोड़ने के अटकलों को गलत करार दिया है। और कहा कि पंकजा पार्टी नहीं छोड़ रही हैं। लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना लीडर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार गठन के सूत्रधार संजय राउत ने दावा किया है कि पंकजा मुंडे हीं नहीं बीजेपी के कई नेता उनके संपंर्क में हैं। अब ऐेसे में सवाल उठता है कि आखिर ये चर्चाएँ क्यों हो रही है।
दरअसल महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने अपने फेसबुक और ट्विटर-बायो से बीजेपी नाम हटा दिया है। इससे पहले फेसबुक पोस्ट में पंकजा ने कहा था बदले राजनीतिक परिवेश में अपनी ताकत को समझना जरूरी है। मुझे 8-10 दिन तक कुछ चिंतन करना है और मैं 12 दिसंबर को आप सभी से मुलाकात करूंगी। यह हमारे नेता गोपीनाथ मुंडे जी का जन्मदिन है। मैं अगले 8-10 दिन में मैं यह तय कर लूंगी कि मुझे आगे क्या करना है और कौन से रास्ते पर जाना है।
बीते विधान सभा चुनाव में पंकजा मुंडे परली विधान सभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार थी और उनके खिलाफ एनसीपी उम्मीदवार उनके चचरे भाई धनंजय मुंडे थे। इस चुनाव में धनंजय मुंडे की जीत हुई। इस चुनाव की सीधी बात यह है कि धनंजय मुंडे ने पंकजा मुंडे को हरा दिया। किसी एक की तो हार होनी थी लेकिन राजनीति के दुनिया में इसे अन्य तरीके से देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि उनकी हार के पीछे उनके ही पार्टी ने नेता हैं। पंकजा हारी नहीं बल्कि उन्हें हरा दिया गया। उन्हें षडयंत्र कर हराया। क्योंकि उन्हें डर था कि बीजेपी को बहुमत आने पर पंकजा मुख्यमंत्री भी बन सकती हैं।
बहरहल, 12 दिसंबर को बीड जिले में गोपीनाथ-जयंती के मौके पर पंकजा एक बड़ी सभा का आयोजन कर रही है। सभी समर्थकों से वहां पहुंचने के लिये कहा है । कहा जा रहा है कि यह पंकजा शक्ति प्रदर्शन होगा और इसके बाद हीं वे अपने राजनीति कदम का ऐलान करेंगी। कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे से लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड्से तक कई ओबीसी लीडर बीजेपी से अलग हो सकते हैं। हालांकि उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है।
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा 'महाराष्ट्र में दुर्घटनावश बनी सरकार निराधार खबरें फैला रही है. उनके ठाकरे परिवार से अच्छे पारिवारिक रिश्ते हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि वह शिवसेना में शामिल होने जा रही हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे अपने पार्टी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से खासे नाराज हैं। इसलिये 12 दिसंबर को ही पता चलेगा कि उनके निशाने पर कौन है?