राजेश कुमार, टाइम्स खबर timeskhabar.com
महाराष्ट्र में नये समीकरण के साथ नई सरकार की शुरूआत हो गई । राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सामना अखबार के एडिटर -इन-चीफ पद से इस्तीफा दे दिया। उनके अलावा अन्य 6 विधायकों ने भी मंत्री पद और गोपनीयता शपथ ली। इनमें से दो-दो विधायक हैं शिवसेना के अलावा कांग्रेस और एनसीपी के। शपथ लेने वाले विधायक हैं शिवसेना से एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, एनसीपी से जयंत पाटिल और छगन भुजबल, कांग्रेस से बाला साहेब थोराट और नितिन राउत।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विवट कर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बधाई दी और कहा कि वे अपने क्षमता और गरिमा के अनुसार महाराष्ट्र उत्थान और उज्जवल भविष्य के लिये कार्य करेंगे। कांग्रेस लीडर व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने अपनी भावना व्यक्त करते हुए लिखा है कि 'मैं बहुत खुश हूं कि आपने महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री की शपथ ली। यह एक ऐतिहासिक मौका है और मैं आपके दूरदर्शी नेतृत्व की तारीफ करता हूं।
- शिवसेना लीडर उद्धव ठाकरे ने मराठी में शपथ ली और जैसे हीं उन्होंने अपने का उच्चारण किया कि ' मी उद्धव बालासाहेब ठाकरे .. वैसे ही मौजूद शिवसैनिकों ने जबरदस्त उद्घोष किया।
- शपथ समारोह शिवाजी पार्टी में आयोजित किया गया। यही शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का स्मारक भी है।
- ठाकरे परिवार से उद्धव ठाकरे पहले लीडर हैं जिन्होंने जो मंत्री बने। शिवसेना से वे तीसरे और राज्य के 19वें मुख्यमंत्री हैं।
- मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वे अपने परिवार के साथ सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे और ईश्वर की अराधना की।
शपथ ग्रहण समारोह में कई जाने-माने हस्तियां मौजूद थ। उनमें उद्योगपति मुकेश अंबानी अपनी पत्नी नीता अंबानी के साथ पहुंचे। चचरे भाई व एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे भी पहुंचे। इनके अलावा दिग्गज नेताओं में कांग्रेस लीडर अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खडगे, कपिल सिब्बल, सुशील शिंदे, पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण, के सी वेणुगोपाल और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भी थे। वहीं शिवसेना से सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संजय राउत और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी भी थे। एनसीपी नेताओं में से सुप्रीय सुले और प्रफुल पटेल समेत की नेता मौजूद थे।
न्यूनतम साझा कार्यक्रम
शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी इनके अलग अलग विचार धाराएं हैं। इनके गठबंधन को महा-विकास-आघाडी नाम दिया गया है। आपसी समझ से सरकार चलाने के लिये न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया गया है। इस न्यूनतम साझा कार्यक्रम (कॉमन मिनिमम प्रोग्राम) में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षा सोनिया गांधी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना लीडर उद्धव ठाकरे के हस्ताक्षर हैं। साझा कार्यक्रम में किसान, बेरोजगारी, शिक्षा, महिला व आदि मामलो को महत्व दिया गया है। आईये जानते हैं कि महा-विकास अघाड़ी के न्यूनतम साझा कार्यक्रम में क्या क्या है :
- किसानों के कर्ज माफ किये जायेंगे।
- बारिश और बाढ की वजह किसानों को होने वाली परेशानी को दूर किया जायेगा।
- किसानों को फसलों के उचित दाम दिलाया जायेगा। इसके लिये तत्काल कदम उठाये जायेंगे।
- फसल बीमा योजना में बदलाव किया जायेगा ताकि नुकसान झेल रहे किसानों का मदद मिल सके।
- वॉटर सप्लाई सिस्टम को दुरूस्त किया जायेगा ताकि सूखा ग्रस्त इलाके में पानी की सप्लाई सुचारू रूप से हो सके।
- खाली पड़े सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जायेगी।
- नौकरियों में 80 प्रतिशत स्थानीय युवकों के लिये आरक्षण।
- पढे-लिखे युवकों को फेलोशिप।
- शिक्षा के स्तर को ऊंचा करना।
- गरीब बच्चो को ऐजुकेशन लोन जीरो ब्याज पर।
- महिला सुरक्षा को प्राथमिकता। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बेटियों को शिक्षा मुफ्त।
- हर जिला मुख्यालय में कामकाजी महिलाओं के लिये हॉस्टल।
- आंगनबाड़ी सेविका और आशा वर्कर्स का मानदेय बढ़ाया जाएगा।
- शहरी इलाकों में सड़को को बेहतन बनाया जायेगा। इसके लिये मुख्यमंत्री ग्राम योजना की तरह ही एक योजना बनाई जायेगी।
- नगर पंचायत, म्युनिसिपल काउंसिल और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में सड़कों को दुरूस्त करने के लिए अलग फंड की व्यवस्था की जाएगी।
- राजधानी मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में 500 स्क्वॉयर फीट कारपेट एरिया मुफ्त होगा। अब तक 300 स्क्वॉयर फीट है।
- अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए एक रुपये वाले क्लीनिक लॉन्च किए जाएंगे तालुका स्तर पर।
- सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज व सुपर स्पेशलिटी होस्पिटल।
- राज्य के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा।
- राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
- आईटी सेक्टर में निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतिगत बदलाव।
बहरहाल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट की बैठक बुलाकर कामकाज की तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल वे अभी किसी भी सदन (विधान सभा और विधान परिषद) के सदस्य नहीं हैं। उन्हें छह महीने के अंदर विधायक बनने होंगे।