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देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बीजेपी सरकार की निंदा की और कहा कि सरकार की आयात-निर्यात की नीति, किसान-संकट और मुद्रास्फीति की घटती दर की वजह से समस्याएं खड़ी हो रही हैं। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बैंकों की खस्ता हालात के लिए जिम्मेदार बताए जाने पर पलटवार किया। मनमोहन सिंह कहा कि किसी के सिर दोष मढ़ने का सरकार पर जुनून सवार है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आर्थिक सुस्ती, सरकार की उदासीनता से भारतीयों के भविष्य और आकांक्षाओं पर असर पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि आर्टिकल 370 खत्म करने के वे विरोधी नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने बिल के समर्थन में वोट किया था लेकिन हमारा मानना था कि जिस तरीके से लागू किया गया हम उसके विरोधी हैं।
- आर्थिक क्षेत्र में बीजेपी सरकार सिर्फ दोष मढने का काम करती है। समाधान ढूंढने का नहीं।
- कांग्रेस पार्टी 370 के हटाने के समर्थन में लाये बिल के पक्ष में वोट की थी। मेरा सिर्फ तरीका का विरोध था।
- जम्मू-कश्मीर में बदलाव वहां के लोगों की सद्धभावना के साथ होना चाहिये था।
- प्रधानमंत्री , वित्त मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि पीएमसी बैंक मामले में ठोस कदम उठाये और लोगों की शिकयातें दूर करें।
- आर्थिक सुस्ती के इस दौर में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र प्रभावित है। राज्य की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ रेट लगातार चार साल से गिर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने कहा कि चीन के माल की वजह से महाराष्ट्र में प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग पर विपरीत असर पड़ रहा है और इंडस्ट्रियल सेक्टर में गिरावट आ रही है, कारोबारी सेंटिमेंट डाउन है.।
- महाराष्ट्र कभी निवेश के हिसाब से देश का नंबर वन राज्य था आज आत्महत्या के मामले में नंबर वन राज्य हो गया है।
दरअसल , अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल में देश के सरकारी बैंकों ने अपना सबसे बदतर दौर देखा है। न्यू यॉर्क में 15 अक्टूबर को कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनैशनल ऐंड पब्लिक अफेयर्स में एक लेक्चर देते हुए सीतारमण ने कहा कि तमाम सरकारी बैंकों को पुनर्जीवित करना उनकी पहली ड्यूटी है।