अयोध्या पर सुनवाई पूरी। फैसला 18 नवंबर से पहले।

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अयोध्या पर सुनवाई पूरी। फैसला 18 नवंबर से पहले।

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या जमीन विवाद पर सुनवाई पूरी। फैसला सुरक्षित। 18 नवंबर से पहले फैसला संभव।

ग्लोबल ख़बर globalkhabar.com

ऐतिहासिक अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। नियमित सुनवाई तय होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में 40 दिनों तक सुनवाई हुई। पांच सदस्यों वाली संवैधानिक बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 18 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। इससे पहले इस पर फैसला आ सकता है। सुनवाई का आज अंतिम दिन था और पांच बजे तक सुनवाई होनी थी लेकिन शाम चार बजे तक सुनवाई पूरी हो गई। 

-  सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई का 40वां और अंतिम दिन था। नियमित सुनवाई की शुरूआत 6 अगस्त(2019) से शुरू हुई थी। 

-  मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह की ओर से जमा किये गये नक्शे को अदालत में हीं फाड़ दिया। दोनो ओर की वकीलों में तीखी बहस हुई। 

- वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि जो रिकॉर्ड में है ही नहीं उसे पेश किया जा रहा था।

- नक्शा फाड़ने पर सीजेआई रंजन गोगोई नाराज हो गये और कड़ी प्रतिक्रिया दी। हम सुनवाई को इस तरह से जारी नहीं रख सकते। लोग खड़े हो रहे हैं और बिना बारी के बोल रहे हैं। हम भी अभी खड़े हो सकते हैं और मामले की कार्यवाही को खत्म कर सकते हैं।

- वकील विकास सिंह ने पूर्व आईपीएस कुणाल किशोर की किताब अयोध्या-रीविजिटेड को कोर्ट के सामने रखा। इसी किताब में वह नक्शा था जिसे धवन ने फाड़ा।

 30 सितंबर 2010 को विवादित 2.77 एकड़ जमीन को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राम लला विराजनामन, सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश दिया था। हाइकोर्ट के फैसले खिलाफ 14 याचिकाएं दायर की गई। मई 2011 में सुप्रीम अदालत ने यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया। फिर सुप्रीम कोर्ट ने नियमित सुनवाई का निर्णय लिया और नियमित सुनवाई का आज 40वां और आखिरी दिन था। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने फैसल सुरक्षित रख लिया। संवैधानिक बेंच में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर शामिल हैं।