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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी दमयंती मोदी के साथ लूटपाट की घटना सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। बडी संख्या में पुलिस बल लगाकर और सीसीटीवी के माध्यम से दोनो आरोपियों गौरव उर्फ नोनू और बादल को गिरफ्तार कर लिया गया। और सारा सामान और पूरी रकम बरामद कर ली गई। स्नेचिंग में जिस स्कूटी का इस्तेमाल किया गया था वह भी बरामद कर लिया गया। यह वाक्या सिविल लाइंस इलाके के गुजराती भवन के गेट के पास यह वारदात हुई। बदमाशों को 24 घंटे के अंदर पकड़ लेना यह पुलिस की कामयाबी है लेकिन इस पर एक साथ कई सवाल उठ खड़े हुए।
प्रधानमंत्री मोदी की भतीजी ने कहा- गुजरात के मुकाबले दिल्ली में क्राइम ज्यादा है। मैं ताऊ जी से कहूंगी कि यहां भी गुजरात जैसी कानून-व्यवस्था लागू करें। दिल्ली में महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने मेरी पूरी मदद की। जबकि पुलिस को नहीं पता था कि मैं पीएम की भतीजी हूं। गुजराती समाज भवन में आने वाला हर कोई वीवीआईपी नहीं होता है। हम लोग एक सामान्य आदमी की तरह ही गुजराती समाज भवन में 6 घंटे रुकने आए थे। दमयंती के पिता प्रह्लाद मोदी ने कहा कि हम सामान्य जीवन जीते हैं और कानून से चलते हैं। इस मामले को प्रधानमंत्री से बताने की जरूरत नहीं है, हो सके तो कानून तेजी से अपना काम करें।
इस वारदात के अलावा एक और महत्वपूर्ण बात सामने आई कि वह है प्रधानमंत्री मोदी परिवार की सादगी। प्रधानमंत्री का परिवार वीआईपी कल्चर से एकदम दूर हैं। उनके परिवार के लोग कभी भी व्यक्तगत कार्य के लिये प्रधानमंत्री के नाम का इस्तेमाल भी नहीं करते। वारदात के बाद आम नागरिक की तरह पुलिस स्टेशन गई और शिकायत दर्ज कराई। दिल्ली पुलिस की कार्यों की उन्होंने प्रशंसा भी की। वे अपने सफर के लिये सार्वजनिक वाहन का ही इस्तेमाल करते हैं। वे चाहे तो बड़े होटलों में ठहर सकते हैं लेकिन वे धर्मशाला में ही ठहरे।