भारत-चीन अनौपचारिक वार्ता : मतभेदों को विवाद नहीं बनने देंगे : प्रधानमंत्री मोदी

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भारत-चीन अनौपचारिक वार्ता : मतभेदों को विवाद नहीं बनने देंगे : प्रधानमंत्री मोदी

टाइम्स खबर timeskhabar.com

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (PM Modi)और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) के बीच प्राचीन शहर महाबलीपुरम में ताज फिशरमैन के कोव रिसॉर्ट में करीब एक घंटे तक शिखर वार्ता चली। इसके बाद दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई। इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम एक-दूसरे की चिंताओं को समझते हैं। मतभेदों को विवाद नहीं बनने देंगे। हमारे रिश्ते विश्व शांति का उदाहरण हैं। भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक संबंध हैं। वहीं, चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-चीन अहम पड़ोसी हैं। मैं भारत के स्वागत से अभिभूत हूं। इस वार्ता से संबंधों में गर्माहट आई है।  

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने दोनो देशों के बीच विश्वास को और मजूबत करने की कोशिश की। दोनो देशों के बीच व्यापार और निवेश पर बातचीत हुई लेकिन जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। दोनो देशों के प्रमुखों ने द्धिपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का संकल्प दोहराया। 

- द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर। 

- राष्ट्रपति चिनफिंग ने चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे पर भारत की चिंता दूर करने की दिशा में ठोस उपाय किए जाने पर भी सहमति जताई।  

- प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (RCEP) मामले में कहा कि भारत इसके प्रति उत्साहित है, लेकिन उसकी अपनी चिंताएं भी हैं जिन्हें दूर करनी ही होगी।

-दोनो देशों के बीच व्यापार असंतुलन पर भी बातचीत हुई। भारत की चिंता को देखते हुए चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि वे इस दिशा में कदम उठाने को तैयार हैं। 

- व्यापार और निवेश संबंधी मामले के लिए एक नया तंत्र स्थापित किया जाएगा।  भारत की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और चीन की ओर से उप प्रधानमंत्री हु छुन ह्वा इसका नेतृत्व करेंगे। इसकी रूपरेखा राजनयिक चैनलों के जरिए तय होगी।