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जम्मू-कश्मीर से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात भारत के लिये काफी महत्वपूर्ण है। ब्रिटेन की लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन एक ट्वीट ने देश के अंदरूनी राजनीति को गरमा दिया और बयानबाजी शुरू हो गई। आईये सबसे पहले जानते हैं कि कॉर्बिन ने ट्वीट कर क्या लिखा था
- जेरेमी कॉर्बिन, नेता लेबर पार्टी, ब्रिटेन - 'भारत की कांग्रेस पार्टी के ब्रिटिश प्रतिनिधियों के साथ काफी अच्छी मीटिंग हुई। इस मीटिंग में हमने कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर चर्चा की। तनाव को तुरंत कम किए जाने की जरूरत है और क्षेत्र में लंबे समय से चल रहा हिंसा और डर का दौर खत्म होना चाहिए।'
- इस पर बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। और कहा कि देश की जनता जानना चाहती है कि विदेशी नेताओं से क्या बातचीत हुई। देश की जनता कांग्रेस पार्टी को धोखेबाजी के लिये करारा जवाब देगी।
बीजेपी के बयान के बाद यह मामला राजनीतिक रंग लेने लगा। कांग्रेस पार्टी के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि मामले को साफ करते हुए कहा कि 6 अगस्त के अपने प्रस्ताव में कांग्रेस पार्टी ने साफ कर दिया था कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी विषय या घटना भारत का आतंरिक मामला है। हम इस मामले में बाहरी व्यक्ति के किसी भी दावे को पूरी तरह खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन के साथ हमारी मुलाकात कश्मीर मामले पर विरोध दर्ज कराने के लिए थी। कश्मीर पर उनकी पार्टी द्वारा पास किए गए प्रस्ताव का विरोध करने के लिए थी। हमने उनसे कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और बाहरी दखल स्वीकार नहीं की जाएगी। कांग्रेस ने कहा कि लोगों का ध्यान अपनी असफलताओं से भटकाने के लिए बीजेपी ने बयानों को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश की है।
कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्वीट में कहा कि 'बीजेपी आर्थिक सुस्ती, बेरोजगारी में वृद्धि, बैंकिंग संकट और राफेल डील में हुई अनियमितताओं पर एक सवाल का भी जवाब नहीं दे सकी। उन्होंने सच को छिपाने के लिए झूठ को फैलाने का काम किया। अब वे अपने प्रॉपेगैंडा के पीछे छिप नहीं सकते हैं।