राजेश कुमार, ग्लोबल ख़बर timeskhabar.com
बिहार और झारखंड के दो हस्तियों ने विश्व स्तर पर देश के साथ-साथ बिहार-झारखंड की प्रतिष्ठा को स्थापित किया है। एक हैं शिक्षा के क्षेत्र में और दूसरे हैं खेल क्षेत्र में। और ये दोनो ही हस्तियों पर फिल्म बन चुकी है और दोनो ही फिल्में काफी हिट रही। ये हैं झारखंड के क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और गणितज्ञ बिहार के आनंद कुमार। ये दोनो हीं हस्तियां किसी परिचय के मोहताज नहीं। झारखंड 15 नवंबर 2000 से पहले बिहार का ही हिस्सा था।
गणितज्ञ आनंद कुमार-
ये हैं सुपर-30 के संस्थापक और विश्व प्रसिद्ध बिहार के गणितज्ञ आनंद कुमार। इन्होंने गणित के उन गुथियों का सुलझाया जिसे विश्व में पहले कभी नहीं सुलझाया गया था। लेकिन गरीबी की वजह से वे कैंब्रिज पढने नहीं जा सके। फिर इन्होंने गरीब बच्चों को अपने दम पर पढाना शुरू किया। इन्हें पता था कि दाल-रोटी से लेकर छत और शिक्षा के अभाव में गरीब मेधावी छात्र कैसे अपने टेलेंट को खो बैठते हैं। इन्होंने मजदूर, खेतीहर मजदूर, गटर में काम करने वाले श्रमिक, ऑटो रिक्शा चलाने वाले व आदि क्षेत्रों में काम करने वाले गरीबों के मेधावी बच्चों को आगे बढाने का निर्णय लिया। बिना सरकारी मदद लिये इन्होंने साढे चार सौ से अधिक छात्रों को आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज के इंट्रेस परीक्षा में सफलता दिलवाया। यह आज भी जारी है।
गणितज्ञ आनंद कुमार ने सुपर-30 के बैनर तले गरीब और समाज के पीड़ित छात्रों को पढाने के साथ साथ उनके रहने और खाने पीने की मुफ्त में व्यवस्था भी करते हैं। इसके लिये इन पर जानलेवा हमला भी हुआ। फिर भी वे घबराये नहीं। विश्व में नाम स्थापित होने के बाद कई पुरूस्कारों से इन्हें नवाजा गया और बॉलिवुड ने इन पर फिल्म बनाया जिसका नाम है सुपर-30. इस फिल्म के हीरो हैं फिल्म स्टार रितिक रोशन।
सुपर-30 ही नाम क्यों रखा ?
सुपर-30 एक प्रतिष्ठित संस्था बन चुका है। सुपर-30 का नाम सुपर-30 क्यों रखा गया इस पर वे कहते कि उनके पास इतनी क्षमता नहीं थी कि और अधिक बच्चों का खर्चा वहन कर सके। भाई और मां ने इसमें बड़ी मदद की। मां ही बच्चों के लिये खाना बनाती हैं। उन्होंने बताया कि इससे अलग ट्यूशन में जो लोग पैस दे सकते थे उस पैसे से यह खर्च चलता रहा। गणितज्ञ आनंद कुमार ने कहा कि वे कभी भी किसी से कोई मदद नहीं लिये। प्रधानमंत्री, मुकेश अंबानी और मुख्यमंत्री समेत और बड़े बड़े हस्तियों ने चंदा लेने की बात कही। करोड़ो रूपये तक के ऑफर थे। लेकिन हमने किसी से एक रूपये का भी चंदा नहीं लिया। गणितज्ञ आनंद कुमार का कहते हैं कि सबसे ज्यादा खुशी मुझे उस दिन होती है जब मालूम चलता है कि ऑटो ड्राइवर की बेटी, ईंट भट्टी में काम करने वाले श्रमिकों के बच्चे जेईई परीक्षा में सफल हो गए। उस समय गर्व महसूस होता है
क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी -
ये भारतीय क्रिकेट टीम के ऐसे विश्वसनीय खिलाड़ी जिनके मैदान पर रहने पर ऐसा मान लिया जाता है कि जीत तय है। और हो क्यों न? इनके नेतृत्व में भारत ने विश्व क्रिकेट कप के एक दिवसीय और टी 20-20 विश्व कप का खिताब जीता। और दोनो ही मैचों में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। झारखंड के इस हीरो की तारीफ पूरे विश्व में होती है। इन पर बनी फिल्म का नाम है - एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी। महेंद्र सिंह क्रिकेट जगत के वे खिलाड़ी हैं जो सब कुछ हासिल कर चुके हैं।
महान क्रिकेटर धोनी क्रिकेट के अलावा भारतीय सेना के प्रति आस्था के लिये भी हमेशा चर्चित रहे हैं। इस साल विश्व कप के दौरान उन्होंने अपने कीपिंग ग्लवस में बलिदान-बैज चिन्ह लगा कर खेल रहे थे, आईसीसी में विरोध के बाद उन्होंने हटाया। विश्व कप के बाद वे भारतीय सेना के साथ ट्रैनिंग और सेवा के लिये जम्मू-कश्मीर चले गये। उन्होंने इच्छा जताई कि वे जम्मू-कश्मीर के लिये क्रिकेट कोचिंग सेंटर ओपन करना चाहते हैं।
धोनी भारतीय टीम के ऐसे खिलाड़ी है जो हमेशा अपने रिकॉर्ड बनाने के वजाय स्थिति के अनुसार खेलते हैं। इतना हीं नहीं वे अपने साथ खेलने वाले युवा खिलाड़ियों को सदैव गाइड लाइन देते और खेलने का मौका देते हैं। लेकिन जब भी कठिन परिस्थिति आयी स्कोर बनाने का, तब वे जिम्मेवारी अपने ऊपर ले लेते। साथी खिलाड़ी पर दबाव नहीं देते।
बिहार जहां कृषि प्रधान राज्य है वहीं झारखंड खनिज के लिये विश्व प्रसिद्ध है। बिहार व झारखंड के इन दो हस्तियों आनंद-महेंद्र ने अपने-अपने क्षेत्रों में बुलंदियों को छुआ और साथ हीं देश के साथ साथ बिहार-झारखंड के नाम को भी रोशन किया।