राज्यसभा के उपसभापति चुने गये हरिवंश नारायण सिंह।

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राज्यसभा के उपसभापति चुने गये हरिवंश नारायण सिंह।

(टाइम्स  खबर) पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के नजदीकी रहे जदयू से राज्यसभा सांसद और एनडीए उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के उपसभापति चुने गये। उन्होंने कांग्रेस सांसद और यूपीए उम्मीदवार बी.के.हरिप्रसाद को हराया। जेडीयू सांसद हरिवंश के समर्थन में 125 और कांग्रेस सांसद व विपक्षी उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद के समर्थन में 105 वोट डाले गए। एनडीए के पास 88 राज्यसभा सदस्य थे और उसने 36 अन्य सांसदों का समर्थन जुटाने का दावा किया था। इस तरह एनडीए को कुल 124 वोटों की उम्मीद से एक वोट ज्यादा मिलेा। वहीं, यूपीए के पास 62 राज्यसभा सदस्य थे। उसे 47 और सांसदों के समर्थन के साथ कुल 109 की संख्या जुटाने का भरोसा था। लेकिन उसके उम्मीदवार को चार वोट कम मिले। हरिवंश की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सदन पर अब ‘हरि-कृपा’बनी रहेगी।

इस चुनाव में 230 सांसदों ने मतदान में हिस्सा लिया। इस तरह जीत के लिए 116 वोट जरूरी थे। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने पहले ध्वनि मत से निर्वाचन कराने की कोशिश की, लेकिन जब आम सहमति नहीं बनी तो उन्होंने वोटिंग कराई। वोटिंग भी दो बार हुई। पहली बार की वोटिंग में तकनीकी गड़बड़ी आने के बाद दूसरी बार वोटिंग कराई गई। अन्नाद्रमुक के 13 और बीजू जनता दल के नौ सदस्यों का समर्थन मिलने से हरिवंश का दावा मजबूत हो गया था। नतीजों के ऐलान के बाद सदन के नेता अरुण जेटली और विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद हरिवंश को उनके बैठने के नए स्थान तक लेकर गए। राज्यसभा के उपसभापति की सीट विपक्ष के नेता के पास रखी जाती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हरिवंशजी ने चार दशक तक पत्रकारिता की। एक बार नक्सली जब एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को उठा ले गए थे तब हरिवंशजी अपने अखबार के सूत्रों की मदद से नक्सली इलाके में चले गए। आखिर वे उन्हें समझा-बुझाकर छुड़ा लाए। इस सदन का हाल यह है कि यहां खिलाड़ियों से ज्यादा अंपायर परेशान होते हैं। लेकिन हरिवंशजी सदन को संभालने का काम जरूर पूरा करेंगे। मुझे विश्वास है कि अब सदन का मंत्र बन जाएगा हरि-कृपा। अब सभी हरि भरोसे। हम सभी सांसदों पर हरि-कृपा बनी रहेगी। यह ऐसा चुनाव था जिसमें दोनों तरफ हरि थे। दशरथ मांझी की जो कथा हम सुनते हैं, वो खुद हरिवंशजी ने खोजी थी। इसका मतलब हरिवंशजी खुद समाज के निचले स्तर तक काफी जुड़े थे।

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, सबसे पहले मैं लीडर ऑफ हाउस अरुण जेटली को स्वस्थ होने पर बधाई देता हूं। मुझे आशा है कि आज वो वोटिंग के लिए आए हैं, लेकिन उन्हें कुछ और दिन आराम करना चाहिए। मैं हरिवंशजी को अपनी पार्टी की तरफ से बधाई देना चाहता हूं। लोकतंत्र में चुनाव होते रहते हैं, लेकिन जो संवैधानिक पद पर चुनकर आते हैं, वे किसी पार्टी के नहीं, देश के होते हैं। चुनने तक उन्हें कुछ दलों का समर्थन था, लेकिन चुने जाने के बाद वे हम सभी के डिप्टी चेयरमैन हैं। मुझे लगता है कि डिप्टी चेयरमैन का झुकाव विपक्ष की तरफ ज्यादा होना चाहिए। जो सत्ता में हैं, उन्हें पहले से ही प्रिविलेज प्राप्त होते हैं। इसलिए लेफ्ट और सेंटर लेफ्ट को मजबूत करने पर जोर देंगे।

एनडीए उम्मीदवार हरिवंश के समर्थन में--

भाजपा (73), जेडीयू (06), शिवसेना (03), अकाली दल (03), आरपीआई (01), एसडीएफ (01), बोडोलैंड फ्रंट (01) के अलावा अन्नाद्रमुक (13), बीजद (09), टीआरएस (06), इनेलोद (01), मनोनीत (03) तथा निर्दलीय (04) सुभाष चंद्रा, संजय काकाड़े, वीरेंद्र कुमार और अमर सिंह।

यूपीए उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद के पक्ष में--

कांग्रेस (50), राजद (05), राकांपा (04), केरल कांग्रेस (01), जेडीएस (01), आईयूएमएल (01) के अलावा सपा (13), तृणमूल (13), लेफ्ट पार्टी (07), टीडीपी (06), बसपा (04), द्रमुक (04)।