हुआ लाल। 21 वीं सदी का सबसे लंब चंद्रग्रहण।

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हुआ लाल। 21 वीं सदी का सबसे लंब चंद्रग्रहण।

27 जुलाई की रात दुनिया भर की नजर आकाश की ओर टीकी थी। लोग आकाशीय घटना की दीदार के लिये आतुर थे। आखिर रात 11.54 मिनट पर चंद्र ग्रहण शुरू हो गया और धीर धीरे चांद काले से लाल रंग में तब्दील हो गया। लाल रंग होने के कारण इसे ब्लड-मून भी कहा जाता है। चंद्र ग्रहण का साफ अर्थ है कि सूर्य परिक्रमा के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा बिल्कुल एक सीध में हो तो पृथ्वी की छाया से चांद छिप जाता है। इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। 

- नासा के अनुसार इस बार का चंद्र ग्रहण 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण था। इसकी कुल अवधि 3 घंटे 55 मिनट रही। 

- यह चंद्रग्रहण उत्तरी अमेरिका को छोड़ पृथ्वी के अधिकांश भागों में दिखा। 

- भारत में भी राजधानी दिल्ली समेत कई जगहों पर चंद्रग्रहण दिखा। यहां के कई टीवी चैनलों पर उत्सव सा माहौल था। हर पल धार्मिक और वैज्ञानिक पक्ष को आधार बनाकर बहस का कराई गई।

- ग्रहण के दौरान ही यानी रात में ही परंपरा अनुसार नदियों में श्रद्धालुओं ने स्नान किया।

- अपोगी यानी ग्रहण के दौरान चांद और पृथ्वी के बीच सर्वाधिक दूरी रही। पृथ्वी और चांद के बीच अधिकतम दूरी 406700 किलोमीटर है। 

- ग्रहण के दौरान लगभग 1 घंटा 42 मिनट और 57 सेकेंड का पूर्ण चंद्रग्रहण रहा। 

- इससे पहले 31 जनवरी 2018 को 1 घंटे 16 मिनट का चंद्र ग्रहण था। 

- चंद्र ग्रहण की शुरूआत 11.54 मिनट पर शुरू हुई लेकिन पूर्ण चंद्र ग्रहण की शुरूआत रात एक बजे आरंभ हुआ और रात 2 बजकर 43 मिनट पर समाप्त हुआ। और अंत में आंशिक चंद्रग्रहण सुबह 3.49 मिनट पर समाप्त हुआ।

- अब अगला चंद्र ग्रहण अगले साल यानी साल 2019 में 21 जनवरी को पडे़गा और इसकी अवधि 1 घंटे 2 मिनट का होगा। 

- पिछली सदी यानी 20 वीं सदी में संबसे लंबा चंद्रग्रहण 16 जुलाई 2000 को लगा था। इसकी अवधि 1 घंटे 47 मिनट तक रहा। 

 बहरहाल पहले धार्मिक मान्यता के अनुसार चंद्रग्रहण को अशुभ माना जाता था। इसलिय ग्रहण के समाप्त होने के बाद लोग नदियों में स्नान करते थे लेकिन जैसे जैसे लोग विज्ञान से परिचित होते जा रहे हैं वैसे वैसे लोग यह समझ पा रहे हैं कि यह एक खगोलीय घटना है।