अमेरिका ने आईएमएफ को दिया संकेत कि पाकिस्तान को डॉलर में कर्ज न दें

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अमेरिका ने आईएमएफ को दिया संकेत कि पाकिस्तान को डॉलर में कर्ज न दें

पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के नेता इमरान खान पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री होंगे। और 11 अगस्त को शपथ लेंगे। लेकिन इस बीच खबर है कि पाकिस्तान को आर्थिक मदद की जरूरत है और इसके लिये पाकिस्तान को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ के शरण में जाना होगा। इससे पहले पाकिस्तान 12 बार आईएमएफ के शरण में जा चुका है। लेकिन इस बार आईएमएफ से पाकिस्तान को मदद मिलना आसान नहीं होगा। क्योंकि अमेरिका ऐसा नहीं चाहता।

अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चेतावनी दी कि उनकी नज़र आईएमएफ़ के रुख़ पर बनी हुई है। ''हमलोग देख रहे हैं कि आईएमएफ़ क्या करता है। आईएमएफ़ को कोई ग़लती नहीं करनी चाहिए।'' हालांकि सीएनबीसी को दिए इंटरव्यू में पॉम्पियो ने कहा कि वो पाकिस्तान से पारस्परिक फ़ायदे के संबंधों को आगे बढ़ाने की इच्छा रखते हैं।

आईएमएफ के फंड में अमेरिकी डॉलर का बड़ा योगदान है। अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा कि आईएमएफ़ से पाकिस्तान को डॉलर दिया जाना तार्किक नहीं होगा। आईएमएफ़ को अगर देना ही है तो चीनी बॉन्ड दे या ख़ुद चीन ही फंड दे। बहरहाल पाकिस्तान विदेशा मुद्रा भंडार से जूझ रहा है। चीन पहले ही काफी कर्ज दे चुका है पाकिस्तान को। 

नोट - इनपुट बीबीसी से।