(राजेश कुमार, टाइम्स ख़बर)। वर्तमान केंद्रीय सरकार का आखिरी मानसून सत्र इस बार हंगामेदार रहने की संभावना है। इसके संकेत मिलने लगे हैं। आज से शुरू हो रहे इस संसद सत्र में विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है। अब देखना है कि यह सत्र भी पूरा चल पाता है या नहीं। विपक्ष का आरोप रहा है कि सरकार कभी भी विपक्ष को विश्वास में लेकर कोई कार्य नही करती। इस बार अहम मुद्दा रहेगा संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण, तीन तलाक और हलाला।
महिलाओं को आरक्षण देने की मांग कांग्रेस पार्टी लगातार करते आ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। वहीं सत्ता पक्ष की ओर से केंद्रीय कानून मंत्री ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर तीन तलाक और हलाला से संबंधित मामले में विधेयक को पारित कराने के लिये मदद की मांग की है। इतना ही नहीं कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों से मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है।
संसद का यह मानसून सत्र 18 जुलाई यानी आज से 10 अगस्त तक चलेगा। अब सवाल उठता है कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पास पूर्ण बहुमत है बावजूद कांग्रेस पार्टी अविश्वास प्रस्ताव क्यों ला रही है? बताया जाता है कि इससे यह साफ हो जायेगा कि बीजेपी के अंदरूनी एकता और एनडीए के जो सहयोगी इधर उधर कर रहे हैं उनमें अलग होने की कितनी क्षमता है। इसी हिसाब से कांग्रेस पार्टी अगले लोकसभा चुनाव की रणनीति बनायेगी। एक समय विपक्ष की सहयोगी रही टीडीपी भी सरकार के खिलाफ है। वहीं बीजेपी से वे सांसद भी नाराज है जिन्हें मालूम है कि उन्हें अगली बार टिकट नहीं मिलेगा।
विपक्ष ने साफ कर दिया है कि इस बार भी किसानों की समस्याएं उठायेगी जायेगी संसद मे। इतना ही नहीं भीड द्धारा लोगो की हत्या किये जाने का मुद्दा भी उठेगा। इस मुद्दे पर अभी सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि संसद कानून बनाये। भीड़ जज नहीं बन सकती। इतना ही नहीं कॉलेजों में कमजोर वर्ग के छात्रों के आरक्षण में कटौती का मसाल भी उठेगा।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिये विपक्ष से मदद की अपील की है।