जेडीयू एनडीए का हिस्सा बना रहेगा। 12 जुलाई को शाह-कुमार मुलाकात में सीटों का फॉर्मूला निकल सकता है।

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जेडीयू एनडीए का हिस्सा बना रहेगा। 12 जुलाई को शाह-कुमार मुलाकात में सीटों का फॉर्मूला निकल सकता है।

नई दिल्ली (टाइम्स ख़बर)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू एनडीए से बाहर नहीं होगा। यह फैसला दिल्ली में हुई पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक में ली गई। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सीट बंटवारे को लेकर कोई अंतिम फैसला तो नहीं हुआ  लेकिन जेडीयू की ओर से कोई भी निर्णय करने के लिये पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार को अधिकृत कर दिया गया है। बताया जाता है कि है जेडीयू बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिये तैयार है। 

आगामी लोकसभा चुनाव के लिये जेडीयू ने तैयारी शुरू कर दी है। झारखंड अलग होने के बाद बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि यदि बीजेपी और जेडीयू दोनो ही पार्टियां 17-17 सीटों पर चुनाव लडती है और तो बाकी 6 सीटों पर एलजेपी और रालोसपा के लिये छोड़ा जा सकता है। 

लेकिन यह मामला इतना आसान दिखता नहीं है। जेडीयू जिन सीटों पर चुनाव नहीं लडेगी वहां विरोध के स्वर उठ सकते हैं। इसलिये अधिक से अधिक सीटों पर लड़ने की मांग की जा रही है। लेकिन नीतीश कुमार का फैसला अंतिम होगा। 12 जुलाई को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बिहार जाने वाले हैं। इस दौरे के दोनो ही पार्टियों के प्रमुखों के बीच बातचीत भी होगी। और माना जा रहा है कि इसी समय तय हो सकता है कि बीजेपी और जेडीयू कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एलजेपी और रालोसपा को कितनी सीटें दी जायेगी। 

लेकिन इस बीच एलजेपी ने भी राजनीतिक दांव चल दिया है। एलजेपी सांसद चिराग पासवान ने आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव की तारीफ की और उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ काम करने की संभावना से इंकार नहीं किया। हालांकि उनके पिता व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने साफ कर दिया कि एलजेपी एनडीए के साथ है। लेकिन चिराग के बयान ने सियासी हलचल तो मचा ही दी है। क्योंकि पिछली बार चिराग के कहने पर ही एलजेपी एनडीए गठबंधन में शामिल हुई थी। लेकिन इस बार राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी कुछ अधीक मांग कर सकते हैं। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिहार से बीजेपी लीडर और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान को लेकर भी पार्टी की बैठक में नाराजगी जताई गई। बीते शनिवार को गिरिराज बिहार दंगे के आरोपियों से मुलाकात के बाद बिहार सरकार पर हिंदुओँ को दबाने की मानसिकता रखने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि जिस तरह से जीतूजी और कैलाशजी को फंसाया गया है यह दुर्भाग्यपूर्ण है।  

बहरहाल इस बार बीजेपी को सीट बंटवारे को लेकर कड़ी मशक्कत करनी पडेगी। अब आगामी लोक सभा चुनाव में 10 महीने ही बचे हैं। जैसे जैसे समय निकट आता जा रहा है वैसे वैसे राजनीतिक घमासान भी बढता जा रहा है।