तीसरा मोर्चा व्यवहारिक नहीं : एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार।

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तीसरा मोर्चा व्यवहारिक नहीं : एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार।

मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे  की संभवाना बहुत ही कम और कमजोर दिखने लगी है। जो भी लड़ाई होगी वह एनडीए और यूपीए के बीच ही होगा। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने न्यूज चैनल टाइम्स नाव से बातचीत में कहा कि तीसरा मोर्चा व्यवहारिक नहीं है इसलिये यह क्रियान्वित नहीं पायेगा। एक तरह से यह तीसरे मोर्चे को झटका है। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौडा ने तीसरे मोर्चे की वकाल की थी। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कोशिश करती दिखाई दी। उन्होंने कहा कि 

- तीसरे मोर्चे के रूप में विभिन्न दलों का महागठनबंधन अव्यवहारिक है। हालांकि मेरे कई साथी चाहते हैं महागठबंधन बनाया जाये। 

- एनसीपी अध्यक्ष पवार ने प्रधानमंत्री पद के लिये किसी का नाम लेने से परहेज किया। 

- प्रधानमंत्री पद को लेकर उन्होंने संकेत दिया कि जिस प्रकार साल 1977 में मोरार जी देसाई विजयी दलों का चेहरा बने थे उसी प्रकार इस बार भी हो सकता है।  

एनसीपी अध्यक्ष के बयान के बाद साफ है कि तीसरे मोर्चे के पक्ष में वे नहीं है। अभी हाल ही में जेडीएस नेता व पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौडा ने कहा था कि तीसरे मोर्चे की गठन पर बल दिया था। 

बहरहाल इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने भी तीसरे मोर्चे के पक्ष में दिखे। ये सब मिलाकर तीसरे मोर्चे का गठन संभव हो सकता है। इस गठबंधन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हो सकते हैं। यानी जेडीएस, तृणमूल, टीडीपी, तेलंगाना राष्ट्रीय समिति और आम आदमी पार्टी मिलकर तीसरे मोर्चे का गठन कर सकते हैं।