भारत के खिलाफ पश्चिमी देश एक बार फिर सक्रिय।

1
भारत के खिलाफ पश्चिमी देश एक बार फिर सक्रिय।

(राजेश कुमार, ग्लोबल ख़बर) कुछ ही महीने पहले की बात है। कहा जाता था कि भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। ऐसा हीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कहा करते रहे हैं। लेकिन आज की तारीख में ऐसा नहीं लगता। पश्चिमी देश भारत के खिलाफ एक रणनीति के तहत कदम उठाते रहे हैं इनमें प्रमुख हैं अमेरिका और ब्रिटेन। इसे कुछ उदाहरण से समझा जा सकता है कि विश्व के ताकतवर देशों ने किस प्रकार से भारत के खिलाफ मुहिम शुरू की है। 

1. दुनिया की सबसे शक्तिशाली संस्था संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि भारत के साथ पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है। एक सत्र बुलाकर जांच आयोग गठित करने पर विचार किया जायेगा। और यदि जांच आयोग बनता है तो कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन की स्वतंत्र जांच करायी जायेगी। ... संयुक्त राष्ट्र का यह प्रस्ताव एक तरह से भारत के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप है। इस बात को देश कभी स्वीकार नहीं करेगा। पश्चिमी देश हमेशा ही भारत को परेशान करने के लिये एक षडयंत्र के तहत जम्मू-कश्मीर को बेवजह मुद्दा बनाता रहा है। 

2. ब्रिटेन के विश्वविदालयों में भारतीय छात्रों का दाखिला अब आसान नहीं होगा। उन्हें कठिन प्रक्रिया से गुजरना होगा। विश्वविद्यालयों में वीजा आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बनायी एक नयी सूची से भारतीय विद्यार्थियों को अलग कर दिया है। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने लगभग 25 देशों के विद्यार्थियों के लिए टियर-4 वीजा श्रेणी में ढील का ऐलान किया। इसमें अमेरिका, कनाडा और न्यूजीलैंड पहले से शामिल है। यहां तक की चीन को भी शामिल कर लिया गया है लेकिन भारत को नहीं। इसका मतलब साफ है कि समान पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन करने वाले भारतीय विद्यार्थियों को कड़ी जांच और दस्तावेजी प्रक्रिया से गुजरना होगा। .. ब्रिटेन ने नयी सूची से भारत को अलग कर दिया है। लगता है कि यह सब कुछ एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। मजेदार बात है कि हर मुद्दे पर चीन पर कटाक्ष करने वाले ब्रिटेन ने चीन के छात्रों के लिये आसान सुविधा की श्रेणी मे रखा है लेकिन भारतीय छात्रों के लिये नहीं। 

3. अमेरिका एच-4 वीजा खत्म करने पर अड़ा हुआ है। अमेरिकी सरकार के इस कदम से सबसे ज्यादा प्रभावित लगभग 70 हजार भारतीय होंगे। एच-4 वीजा, एच-1 वीजा धारकों के पति या पत्नियों को दिया जाता है। बताया जाता है कि फिलहाल इस वीजा पर काम करने वाले लगभग 93 प्रतिशत भारतीय हैं। एच-1 वीजा अमेरिकी कंपनियों को कुछ विशिष्ठ क्षेत्रों में विदेशी कर्मचारियों की भर्ती की अनुमति देता है। ... अमेरिका के इस कदम से साफ लगता है कि यह एक तरह से भारत के खिलाफ उठाया गया कदम है। इस एच-4 वीजा के खत्म होने से बड़ी संख्या में भारतीयों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा और साथ ही भविष्य में कोई काम भी नहीं मिलेगा। 

 4. अमेरिका ने भारतीय व्यापार को प्रभावित करने के लिये भारत से स्टील और ऐल्युमिनियम के आयाजत ड्यूटी बढा दिये। कहा जा रहा कि अमेरिका ने यह कदम अपने व्यापार रक्षा के बहाने भारत के व्यापार को निशाना बनाया। ... इसके जवाब में भारत ने अमेरिका की ओर से कुछ सामानों पर अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के विरोध में 30 प्रॉडक्ट्स के इंपोर्ट पर छूट को खत्म कर दिया है।

भारत विश्व में तेजी से उभरता हुआ देश है आर्थिक, सामरिक और विज्ञान के क्षेत्र में। यह विषय हमेशा हीं चर्चा के केंद्र बिंदु में रहा है। भारत को जहां एक ओर पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के चालबाजी का सामना करना पड़ रहा है वहीं अमेरिका और ब्रिटेन के धूर्तभरी आक्रमकता का भी सामना करना पडेगा। संयुक्त राष्ट्र ने जिस प्रकार से जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार हनना का मुद्दा उठाया है इससे साफ लगता है कि इसके पीछे पश्चिमी देशों का ही हाथ है।